कानपुर ग्रामीण क्षेत्र में लागू कर दी गई धारा 144, जानिए क्यों उठाया एडीएम ने यह कदम
पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर बंदिश, मवेशी से टकराकर मौत होने पर मालिक पर हत्या का मुकदमा होगा।
By AbhishekEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 04:26 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 10:43 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं को खुले में छोडऩे और स्कूलों में बांधने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन अब सख्त हो गया है। फिलहाल एडीएम वित्त एवं राजस्व संजय चौहान ने धारा 144 लागू कर दी है। जो लोग पशुओं को स्कूल या किसी अन्य सरकारी इमारत में बंद करेंगे या फिर पालतू पशु को छोड़ेंगे उनके विरुद्ध धारा 144 के उल्लंघन में धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज होगा। अगर पशु से टकराने पर किसी की मौत होती है तो मालिक पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालक गाय, बछड़ा और बैल को छोड़ दे रहे हैं। यही बेसहारा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे परेशान किसान बेसहारा जानवरों को प्राथमिक स्कूल , सामुदायिक भवन में बंद कर रहे हैं। इससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। एडीएम वित्त एवं राजस्व संजय चौहान ने बताया कि पशुपालकों द्वारा जानवरों को खुले में छोडऩे पर भी धारा का उल्लंघन माना जाएगा। आवारा जानवर से वाहन दुर्घटना होने की स्थिति में पशु मालिक पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति जानवरों को सामुदायिक भवनों में बंद करेगा तो धारा 188 के तहत मुकदमा होगा। मुकदमा दर्ज होने पर तीन माह से 6 साल तक की सजा का प्रावधान है।
पशुओं को रखने का इंतजाम करें
मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने कहा कि पशुओं को रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में चरागाह विकसित करें। सीडीओ अक्षय त्रिपाठी ने कंजरी गांव और बिधनू में खोले गौरक्षा केंद्र में कर्मचारियों की तैनाती के लिए बजट उपलब्ध कराने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आठ हजार बेसहारा पशु और नगर निगम क्षेत्र में चार हजार बेसहारा पशु हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालक गाय, बछड़ा और बैल को छोड़ दे रहे हैं। यही बेसहारा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे परेशान किसान बेसहारा जानवरों को प्राथमिक स्कूल , सामुदायिक भवन में बंद कर रहे हैं। इससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। एडीएम वित्त एवं राजस्व संजय चौहान ने बताया कि पशुपालकों द्वारा जानवरों को खुले में छोडऩे पर भी धारा का उल्लंघन माना जाएगा। आवारा जानवर से वाहन दुर्घटना होने की स्थिति में पशु मालिक पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति जानवरों को सामुदायिक भवनों में बंद करेगा तो धारा 188 के तहत मुकदमा होगा। मुकदमा दर्ज होने पर तीन माह से 6 साल तक की सजा का प्रावधान है।
पशुओं को रखने का इंतजाम करें
मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने कहा कि पशुओं को रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में चरागाह विकसित करें। सीडीओ अक्षय त्रिपाठी ने कंजरी गांव और बिधनू में खोले गौरक्षा केंद्र में कर्मचारियों की तैनाती के लिए बजट उपलब्ध कराने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आठ हजार बेसहारा पशु और नगर निगम क्षेत्र में चार हजार बेसहारा पशु हैं।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें