रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग मामले में आरपीएफ व सीआइबी इंस्पेक्टरों पर कार्रवाई
अवैध वेंडरिंग के करोड़ों के काले कारोबार से आरपीएफ की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में थी।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 07:48 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 11:28 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। सेंट्रल रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। उत्तर मध्य रेलवे ने अवैध वेंडरिंग के लिए सीधे जिम्मेदार मानते हुए आरपीएफ के इंस्पेक्टर व सीआइसी इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद अन्य कर्मचारियों और अवैध वेंडरिंग करने वालों में अफरा तफरी का माहौल बना है।
बताते चलें कि दैनिक जागरण समाचार पत्र में 6 दिसंबर से 9 दिसंबर के बीच सेंट्रल रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग के खिलाफ खबरों का प्रकाशन किया था। इसमें रियलिटी चेक में पाया कि सेंट्रल स्टेशन पर करीब 80 अवैध वेंडर सक्रिय हैं। विशेष रूप से चाय और अवैध रूप से रेल आहार का लाखों का कारोबार है। गर्मी के मौसम में पानी की सप्लाई अवैध रूप से की जाती है। ट्रेनों के अंदर चलने वाले अवैध वेंडरों और कुछ ऐसी ट्रेनों को उजागर किया था जो कि रोजाना बेची जाती हैं। करोड़ों के इस काले कारोबार को उजागर किया गया था। इसमें सीधे-सीधे आरपीएफ की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में थी।
अभियान के बाद जिम्मेदारों ने अवैध वेंडरिंग को रोक दिया था। प्रकरण को उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मुख्यालय ने संज्ञान में लिया था। मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आरपीएफ प्रभारी राजीव वर्मा का तबादला कर दिया गया, उन्हें डीआइ झांसी बनाया गया है। उनके स्थान पर अलीगढ़ आरपीएफ के प्रभारी पीके ओझा को कानपुर आरपीएफ में भेजा गया है। इसके साथ ही क्राइम इंटेलीजेंस ब्रांच (सीआइबी) के इंस्पेक्टर सतीश कुमार मिश्रा को आगरा स्पेशल इंटेलीजेंस ब्रांच (एसआइबी) में स्थानांतरित कर दिया गया है। उनके स्थान पर टुंडला आरपीएफ प्रभारी आनंद कुमार को सीआइबी इंस्पेक्टर कानपुर बनाया गया है।
बताते चलें कि दैनिक जागरण समाचार पत्र में 6 दिसंबर से 9 दिसंबर के बीच सेंट्रल रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अवैध वेंडरिंग के खिलाफ खबरों का प्रकाशन किया था। इसमें रियलिटी चेक में पाया कि सेंट्रल स्टेशन पर करीब 80 अवैध वेंडर सक्रिय हैं। विशेष रूप से चाय और अवैध रूप से रेल आहार का लाखों का कारोबार है। गर्मी के मौसम में पानी की सप्लाई अवैध रूप से की जाती है। ट्रेनों के अंदर चलने वाले अवैध वेंडरों और कुछ ऐसी ट्रेनों को उजागर किया था जो कि रोजाना बेची जाती हैं। करोड़ों के इस काले कारोबार को उजागर किया गया था। इसमें सीधे-सीधे आरपीएफ की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में थी।
अभियान के बाद जिम्मेदारों ने अवैध वेंडरिंग को रोक दिया था। प्रकरण को उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मुख्यालय ने संज्ञान में लिया था। मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आरपीएफ प्रभारी राजीव वर्मा का तबादला कर दिया गया, उन्हें डीआइ झांसी बनाया गया है। उनके स्थान पर अलीगढ़ आरपीएफ के प्रभारी पीके ओझा को कानपुर आरपीएफ में भेजा गया है। इसके साथ ही क्राइम इंटेलीजेंस ब्रांच (सीआइबी) के इंस्पेक्टर सतीश कुमार मिश्रा को आगरा स्पेशल इंटेलीजेंस ब्रांच (एसआइबी) में स्थानांतरित कर दिया गया है। उनके स्थान पर टुंडला आरपीएफ प्रभारी आनंद कुमार को सीआइबी इंस्पेक्टर कानपुर बनाया गया है।
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