बिना हेलमेट बाइक सवार दोस्तों की हादसे में मौत
- बिधनू के पहाड़पुर के पास दोस्तों को रौंदते हुए ट्रैक्टर ढाबे में जा घुसा - बाइक सवार
- बिधनू के पहाड़पुर के पास दोस्तों को रौंदते हुए ट्रैक्टर ढाबे में जा घुसा
- बाइक सवार दोनों छात्रों के सिर के ऊपर से निकल गया पहिया
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संवाद सहयोगी, बिधनू (कानपुर नगर) : बिधनू क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के पास शनिवार को अनियंत्रित ट्रैक्टर बाइक सवार छात्रों को रौंदते हुए ढाबे में घुस गया। ट्रैक्टर का पहिया दोनों के सिर के ऊपर से निकल गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। भीड़ ने चालक को पीटकर पुलिस को सौंप दिया। बाइक सवार छात्र हेलमेट लगाए होते तो उनकी जान बच सकती थी।
रमईपुर निवासी स्व. राजा सिंह का 18 वर्षीय बेटा हर्षित तकसीमपुर निवासी हमउम्र दोस्त पुरुषोत्तम राजपूत के साथ प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तक लेने के लिए बाइक से नौबस्ता जा रहा था। पहाड़पुर पेट्रोल पंप के पास एक अन्य बाइक सवार ने कट मारने से छात्र बाइक समेत सड़क पर गिर गए। तभी पीछे से आ रही ईट लदी ट्रैक्टर ट्राली दोनों को रौंदते हुए ढाबे में घुस गई। आक्रोशित भीड़ ने ट्रैक्टर चालक को पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया। बवाल की आशंका पर पुलिस ने शवों को एलएलआर अस्पताल (हैलट) भेजा। चाचा बऊआ सिंह ने बताया कि हर्षित तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। वह इंटर की परीक्षा पास करने के बाद एयरफोर्स की तैयारी कर रहा था। थाना प्रभारी सुखराम सिंह रावत ने बताया कि ट्रैक्टर ट्राली कब्जे में लेकर कार्रवाई की जा रही है।
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बचपन में मां-बाप का उठा साया, दूसरी मां ने था पाला
हर्षित की मां रेखा देवी की 12 वर्ष पहले बीमारी से मौत हो गई थी। पिता राजा सिंह ने उसकी परवरिश के लिए पूजा देवी से दूसरा विवाह कर लिया। पूजा ने हर्षित को सगी मां से भी ज्यादा स्नेह दिया। दो बेटे वीर सिंह और अर्पित के होने के बाद भी हर्षित को बड़े बेटे का दर्जा दिया। दो वर्ष पहले पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी हर्षित के कंधों पर आ गई। वह एयरफोर्स की तैयारी के साथ ही मोबाइल सॉफ्टवेयर का भी काम करता था। बेटे का शव देख मां पूजा बदहवास हो गई।
पुरुषोत्तम का शव देख पिता हुए बेहोश
बेटे पुरुषोत्तम का शव देख पिता रूप सिंह राजपूत गश खाकर गिर पड़े। होश आने पर वह बार-बार यही कहते- मेरा हीरा चला गया। अब कौन मेरा नाम रोशन करेगा। उन्होंने बताया कि पुरुषोत्तम पढ़ाई में बहुत होशियार था। वह परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए मोबाइल की दुकान चलाता था। साथ ही एयरफोर्स की तैयारी भी कर रहा था। बेटे का शव देख मां रानी का बुरा हाल था।
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हेलमेट की अनदेखी से मुंह फेर रही जिदगी
---------- -अधिकांश हादसों में दोपहिया वाहन सवारों की सिर पर चोट लगने से होती मौत
-पुलिस प्रशासन का अभियान हुआ बेअसर, सबक लेने को तैयार नहीं युवा जासं, कानपुर : हेलमेट बंदिश नहीं, जिदगी को बचाने का सुरक्षा कवच है। सड़क हादसों में अक्सर दोपहिया वाहन चालक के हेलमेट नहीं लगाए होने से किसी के सिर से पिता का तो किसी के सिर से भाई का साया उठ जाता है। मगर, अधिकांश युवा हेलमेट की उपयोगिता समझ ही नहीं रहे। पुलिस प्रशासन ने हेलमेट को लेकर अभियान चलाए लेकिन लापरवाही जारी है। हादसों में 30 फीसद मौतों की वजह सिर में चोट होती है। चोट से व्यक्ति के कोमा में जाने की समस्या भी हो सकती है।
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'नो हेलमेट, नो पेट्रोल' भी बेअसर
'नो हेलमेट, नो पेट्रोल' अभियान का मकसद यातायात नियमों के पालन कराने का ही नहीं, बल्कि हादसों में होने वाली मौतों को रोकना था। मगर, कुछ दिन की सख्ती के बाद पेट्रोल पंपों पर फिर से बिना हेलमेट पेट्रोल मिलने लगा। अफसरों के नजर फेरते ही पंप संचालक बेपरवाह हो गए और लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भूल गए।
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इन हादसों में बाइक सवार नहीं लगाए थे हेलमेट
1 अगस्त 2018- किसान नगर रोड पर ट्रैक्टर की टक्कर से बाइक सवार की मौत
26 अगस्त 2018- बिधनू नहर पुल पर ट्रक की टक्कर से बाइक सवार की मौत, साथी घायल
1 नवंबर 2018- सागरपुरी में बाइक सवार बीटीआर प्रशिक्षित की मौत
1 नवंबर 2018- रिद नदी पुल पर बाइक सवार होमगार्ड की मौत
6 नवंबर 2018- बिनगवां में डंपर की टक्कर से बाइक सवार की मौत
6 दिसंबर 2018- माधवबाग में पिकअप की टक्कर से बाइक सवार की मौत
6 फरवरी 2019- मझावन गांव के पास सांड़ से टकराकर बाइक सवार दूधिया की मौत
16 मार्च 2019- शंभुआ में बाइक सवार दंपती की डंपर की टक्कर से मौत
12 अप्रैल- बिधनू एसबीआइ के सामने बाइक सवार सगे भाइयों की मौत
18 मई 2019- डंपर की टक्कर से दो दोस्तों की मौत
30 जुलाई 2019- लोडर की टक्कर से बाइक सवार सेवानिवृत्त रक्षा कर्मी की मौत