किडनी कांड : आजमगढ़ का शिक्षक पूर्वांचल में तलाशता था डोनर
किडनी विशेषज्ञ की क्लीनिक पर आने वाले मरीजों व बस्ती के लोगों को शिकार बनाता था।
कानपुर, जेएनएन। किडनी रैकेट का सरगना उमर उर्फ राजा एक साल से पूर्वांचल के जिलों में अपनी जड़ें जमाने के लिए जमीन तैयार कर रहा था। इसमें आजमगढ़ का एक शिक्षक सित्तू राय उसका मददगार था, जो पूर्वांचल में किडनी विशेषज्ञों के पास आने वाले मरीजों के साथ ही बस्तियों में डोनरों की तलाश कर रहा था। वह उन्हें रुपये का लालच देकर तैयार करता था, अब एसआइटी उसकी तलाश में जुटी है।
बर्रा पुलिस ने रैकेट के सरगना लखनऊ पारानाला निवासी मोहम्मद उमर उर्फ राजा को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया कि पूर्वांचल में पकड़ बनाने के लिए वहां के मेडिकल स्टोर व नर्सिंग होम के बाहर अपने एजेंट सक्रिय कर रहा था। एक परिचित के जरिए आजमगढ़ निवासी पेशे से शिक्षक सित्तू राय को अपने साथ जोड़ा था। सित्तू को आजमगढ़ के साथ ही जौनपुर, वाराणसी, मऊ व आसपास जिलों में एजेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
इन जिलों से गरीब व जरूरतमंद लोगों को लालच देकर डोनर बनाने का खेल चल रहा था। डोनर के तैयार होने पर उसे उमर के पास भेजा जाता था। सरगना से मिली अहम जानकारी के आधार पर एसआइटी अब सित्तू व उससे जुड़े लोगों की धरपकड़ के लिए पूर्वांचल के जिलों में छापेमारी करेगी। आजमगढ़ के लिए एक टीम रवाना भी हो गई है। सूत्रों के मुताबिक सरगना उमर की गिरफ्तारी के बाद से सित्तू घर पर ताला डालकर फरार हो गया है। बर्रा इंस्पेक्टर अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि कई अहम जानकारी मिली हैं, जिन पर काम किया जा रहा है।
सित्तू को प्रति डोनर मिलते थे 50 हजार रुपये
प्रति डोनर के हिसाब से शिक्षक सित्तू को 50 हजार रुपये मिलते थे। अभी तक उसने कितनी किडनी डोनेट कराई, इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। उमर ने किडनी विशेषज्ञ के यहां मरीज पहुंचाने वाले एंबुलेंस चालकों को भी गिरोह का हिस्सा बना रखा था। वह उनके माध्यम से मरीजों के विषय में जानकारी जुटाता था। बाद में अपने स्थानीय एजेंट के जरिये परिजनों से संपर्क कर सौदा तय करता था।