41 टीमें जांचेंगी 668 स्कूलों की मान्यता
टीमों में राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य और प्रवक्ता, दो से तीन दिनों के अंदर करना होगा स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण
जागरण संवादाता, कानपुर : अगर जनपद में बिना मान्यता के माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं तो जल्द ही ऐसे संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा केंद्रों को फाइनल करने से पहले बड़े स्तर पर अभियान चलाकर स्कूलों की मान्यता व मौजूद सुविधाओं को परखेगा। डीआइओएस ने गुरुवार को 41 टीमें बना कर 668 स्कूलों की मान्यता समेत अन्य सुविधाओं की जाच के लिए आदेश दिया है। इन टीमों में अधिकतर राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य और प्रवक्ता शामिल हैं। आगामी दो से तीन दिनों के अंदर स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण कर हकीकत परखने को कहा गया है। डीआइओएस सतीश तिवारी ने बताया की कहीं गड़बड़ी मिली तो संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सुविधाएं न मिलने पर मान्यता समाप्त करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।
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बोर्ड अंकों के आधार पर बनेगा परीक्षा केंद्र
डीआइओएस के पास सभी स्कूलों की जो रिपोर्ट आएगी, उसे बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। इसके बाद बोर्ड के अफसर स्कूली सुविधाओं को देखते हुए अंक देंगे। इन्हीं अंकों के आधार पर जिले में बोर्ड परीक्षा केंद्र फाइनल किए जाएंगे।
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2018 में बने थे 147 परीक्षा केंद्र
यूपी बोर्ड परीक्षा 2018 के दौरान जिले में कुल 147 परीक्षा केंद्र बने थे। परीक्षार्थियों की कुल संख्या लगभग 1.10 लाख थी। परीक्षा 2019 के लिए परीक्षार्थी केवल 1.03 लाख रह गए हैं। ऐसे में तय है कि परीक्षा केंद्रों की संख्या घट सकती है।
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माननीयों का जुगाड़ नहीं काम आएगा
कुछ समय पहले तक तो बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में माननीयों की सिफारिश काम आ जाती थी। अब ऐसा हो पाना संभव नहीं है। डीआइओएस कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हर प्रक्रिया ऑनलाइन होने से मुश्किलें बढ़ी हैं। अफसर चाहकर भी हेर-फेर नहीं कर सकते। बहुत ज्यादा दबाव में खेल किया भी तो परीक्षाओं के दौरान कार्रवाई का डर हमेशा बना रहेगा।