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जिला सहकारी बैंक के 34 कर्मियों की समाप्त होगी सेवा, इनमें पांच हैं निदेशकों के बच्चे और रिश्तेदार

34 में से 20 पद थे सामान्य वर्ग के लेकिन भर्ती हुआ था सिर्फ एक मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद शुरू हुई थी जांच।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 09:02 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 09:02 AM (IST)
जिला सहकारी बैंक के 34 कर्मियों की समाप्त होगी सेवा, इनमें पांच हैं निदेशकों के बच्चे और रिश्तेदार
जिला सहकारी बैंक के 34 कर्मियों की समाप्त होगी सेवा, इनमें पांच हैं निदेशकों के बच्चे और रिश्तेदार

कानपुर, जेएनएन। कानपुर जिला सहकारी बैंक में भर्ती किए गए 34 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति मेें गड़बड़ी मिलने के बाद उनकी सेवा समाप्ति के लिए सेवामंडल को पत्र भेजा गया है। इनमें पांच निदेशकों के बेटे-बेटी और भतीजे शामिल हैं। बैंक में अनुसूचित जाति में दो सगी बहनों के अलावा उनकी सगी भाभी की नियुक्ति भी हुई थी। कुल 20 पद सामान्य वर्ग के थे, लेकिन सिर्फ एक ही सामान्य अभ्यर्थी को मौका मिला, वह भी एक निदेशक का बेटा था।

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2016 में निकाला गया था भर्ती का विज्ञापन

जिला सहकारी बैंक में वर्ग एक, दो, तीन की भर्ती बैंकों का लखनऊ स्थित सेवामंडल करता है। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती का अधिकार बैंक प्रबंधन के पास है। वर्ष 2016 में बैंक ने सेवामंडल से चतुर्थ श्रेणी के 36 रिक्त पदों की अनुमति लेकर 30 अक्टूबर को विज्ञापन निकाला था। इसमें 20 पद सामान्य वर्ग, तीन अन्य पिछड़ा वर्ग, 12 अनुसूचित जाति, एक अनुसूचित जनजाति का था। सामान्य वर्ग के 316, अन्य पिछड़ा वर्ग के 250, अनुसूचित जाति के 244, अनुसूचित जनजाति के छह आवेदन आए थे। जांच के बाद 742 को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। इनमें 36 का चयन हुआ और 34 को सेवामंडल ने स्वीकृति दे दी।

सूची के अगले दिन ही करा दिया गया था ज्वाइन

दो वर्ष पहले बैंक में गलत तरीके से की गई भर्ती की शिकायत मुख्यमंत्री से हुई। इसकी जांच तत्कालीन सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक ने की। उन्होंने जांच में शिकायतों को सही पाया। सेवामंडल की ओर से कराई गई दोबारा जांच में भी वही गड़बड़ी मिली। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक की ओर से की गई जांच की रिपोर्ट अपर जिला सहकारी अधिकारी आरके कटियार ने तैयार की। उन्होंने जिक्र किया कि तीन जनवरी 2017 को सफल 34 अभ्यर्थियों की सूची कानपुर भेजी गई और ठीक अगले दिन 23 अभ्यर्थियों ने ज्वाइन कर लिया, जबकि इन्हें पत्र द्वारा सूचना दी जानी थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में पांच अभ्यर्थियों की निदेशकों से रिश्तेदारी भी बताई। इसमें रीना एक निदेशक की बेटी थीं। आशीष कुमार, रवि प्रताप, अनिल गुप्ता निदेशकों के बेटे थे। अनुज सचान एक निदेशक के सगे भतीजे थे। दो बार जांच के बाद अब बैंक के चेयरमैन अरविंद सचान ने इन सभी भ्रांतियों को पूरी तरह खत्म करने के लिए सेवामंडल को पत्र लिखा है।

इनका ये है कहना

दो बार हुई जांच में यह साफ हो गया है कि भर्तियां गलत तरीके से हुईं थीं। सभी के बयान भी हो चुके हैं। सेवा समाप्त करने के लिए सेवामंडल को पत्र भेजा गया है।

-अरविंद सचान, चेयरमैन कानपुर जिला सहकारी बैंक।  


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