315 बोर की गोली लगने हुई थी युवक की मौत
कोतवाली क्षेत्र के मेड़ुआ गांव में रविवार दोपहर निर्माणाधीन बंद घर में युवक को मारी गई गोली 315 बोर की थी।
संवाद सहयोगी, बिल्हौर : कोतवाली क्षेत्र के मेड़ुआ गांव में रविवार दोपहर निर्माणाधीन बंद घर में 23 वर्षीय युवक दीपक की मौत 315 बोर के तमंचे से चली गोली से हुई थी। पोस्टमार्टम में गोली रीढ़ की हड्डी में फंसी मिली है। इधर, सोमवार को भी दीपक के पिता रघुनाथ कठेरिया ने तहरीर नहीं दी। लिहाजा पुलिस ने प्रारंभिक सूचना पर ही जांच शुरू की है। दीपक के दोस्तों व कुछ संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की जा रही है।
पीडब्ल्यूडी में बेलदार रघुनाथ कठेरिया के 23 वर्षीय पुत्र दीपक का शव रविवार दोपहर गांव से तीन सौ मीटर दूर उसके निर्माणाधीन बंद मकान के कमरे में मिला था। रघुनाथ ने बताया था कि रविवार दोपहर 12 बजे तक दीपक के साथ मकान में मिट्टी भराने का कार्य किया था और उसके बाद दोनों लोग खाना खाने चले गए थे। दोपहर दो बजे के बाद निर्माणाधीन मकान में ताला डालने गए थे, लेकिन गेट अंदर से बंद था। कई आवाज लगाने के बाद भी कोई उत्तर न मिलने पर सीढ़ी लगाकर अंदर गए तो कमरे में दीपक का शव पड़ा था। सीने के बायीं ओर गोली लगने का निशान था। शव के पास ही कीपैड मोबाइल फोन पड़ा था, लेकिन पुलिस को जांच के दौरान मौके पर कोई तमंचा नहीं मिला था। मृतक के पिता ने दीपक का एंड्रायड फोन भी गायब होने की जानकारी दी थी, लेकिन किसी रंजिश से इन्कार कर दिया था। साथ ही बताया था कि दीपक की ऊगू गांव में शादी की बात चल रही थी। इसके बाद पुलिस ने फॉरेंसिक टीम बुलाकर साक्ष्य एकत्र कराए थे।
इंस्पेक्टर संतोष सिंह ने बताया कि फॉरेंसिक टीम ने 315 बोर की गोली लगने की जानकारी दी थी। पोस्टमार्टम में गोली रीढ़ की हड्डी के पास फंसी मिली है। शरीर के अंदर अत्यधिक रक्कस्त्राव से मौत की बात सामने आई है।
----
गोली लगने के अलावा नहीं मिला कोई चोट का निशान
पोस्टमार्टम में दीपक के सीने में गोली लगने के अलावा शरीर पर चोट का कोई और निशान नहीं मिला। टीम की जांच में सामने आया कि गोली करीब आधा फीट दूर से चलाई गई थी। इससे वह दिल को भेदते हुए अंदर जाकर रीढ़ की हड्डी में फंस गई थी।
----