विवि का दावा फेल : 30 कॉलेजों में सामूहिक नकल, परीक्षाएं होंगी निरस्त
विवि प्रशासन ने दावा किया था कि हर परीक्षा केंद्र में नकल रोकने के सभी इंतजाम किए गए हैं।
By Edited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 01:53 AM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 11:33 AM (IST)
कानपुर, [समीर दीक्षित] । करीब एक माह पहले छत्रपति शाहू जी महाराज विवि की वार्षिक परीक्षाएं जब शुरू हो रही थीं, तो विवि प्रशासन ने दावा किया था कि हर परीक्षा केंद्र में नकल रोकने के सभी इंतजाम किए गए हैं। हालांकि परीक्षा के पहले दिन से ही केंद्रों पर नकल की सूचनाएं सचल दल को मिलने लगीं थीं। केंद्रों पर सीसीटीवी लगे थे। ऑडियो रिकॉर्डिग हो रही थी, बावजूद इसके नकल माफिया नकल कराने में कामयाब रहे।
इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब अनफेयर मींस कमेटी (यूएफएम समिति) ने 30 कॉलेजों में सामूहिक नकल की रिपोर्ट विवि प्रशासन को सौंप दी। इनमें कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, रायबरेली, कन्नौज समेत कई अन्य जिलों के कॉलेज शामिल हैं। इनके खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है। कई कॉलेजों की कॉपियों में उत्तर एक ही राइटिंग में लिखे गए हैं। विवि के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऐसे सभी कॉलेजों की विवि प्रशासन परीक्षा निरस्त कराएगा।
अगर दोबारा परीक्षाएं हुईं तो वह विवि कैंपस में होंगी, ये फैसले जल्द लिए जाएंगे। चूंकि अभी परीक्षाएं चल रही हैं, इसलिए उम्मीद है कि अभी ऐसे कॉलेजों की संख्या बढ़ सकती है। अफसरों का कहना है ऐसे कॉलेजों को बख्शा नहीं जाएगा। खाली और धुंधली सीडी भेज रहे विवि प्रशासन को 50 से अधिक कॉलेजों की ऐसी सीडी मिली हैं, जो खाली हैं और उनमें कुछ भी साफ नहीं दिख रहा है।
जैसे ही उनकी रिकॉर्डिग जांची गई तो उसमें सब धुंधला दिख रहा था। विवि के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर संजय स्वर्णकार ने बताया कि ऐसे कॉलेजों की जांच के लिए एक विशेष कमेटी गठित की गई है। जहां गड़बड़ी मिलेगी, उस कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
पिछले साल 44 कॉलेज पाए गए थे दोषी
विवि की वार्षिक परीक्षाओं के दौरान पिछले साल 44 कॉलेज सामूहिक नकल के दोषी पाए गए थे। परीक्षा समिति की बैठक में इन सभी के खिलाफ विवि प्रशासन ने सख्त फैसला लेते हुए 50 हजार से दो लाख रुपये तक जुर्माना लगाया था। साथ ही ऐसे कॉलेजों को दो साल तक परीक्षा केंद्र न बनाने का फैसला भी किया था।
-कई कॉलेजों में सामूहिक नकल के मामले सामने आए हैं। हालांकि नियमानुसार परीक्षा समिति में इन पर चर्चा करते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। कॉलेजों को डिबार करने के साथ परीक्षा भी निरस्त कराएंगे। - प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलपति, सीएसजेएमयू
इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब अनफेयर मींस कमेटी (यूएफएम समिति) ने 30 कॉलेजों में सामूहिक नकल की रिपोर्ट विवि प्रशासन को सौंप दी। इनमें कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, रायबरेली, कन्नौज समेत कई अन्य जिलों के कॉलेज शामिल हैं। इनके खिलाफ जांच शुरू हो चुकी है। कई कॉलेजों की कॉपियों में उत्तर एक ही राइटिंग में लिखे गए हैं। विवि के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऐसे सभी कॉलेजों की विवि प्रशासन परीक्षा निरस्त कराएगा।
अगर दोबारा परीक्षाएं हुईं तो वह विवि कैंपस में होंगी, ये फैसले जल्द लिए जाएंगे। चूंकि अभी परीक्षाएं चल रही हैं, इसलिए उम्मीद है कि अभी ऐसे कॉलेजों की संख्या बढ़ सकती है। अफसरों का कहना है ऐसे कॉलेजों को बख्शा नहीं जाएगा। खाली और धुंधली सीडी भेज रहे विवि प्रशासन को 50 से अधिक कॉलेजों की ऐसी सीडी मिली हैं, जो खाली हैं और उनमें कुछ भी साफ नहीं दिख रहा है।
जैसे ही उनकी रिकॉर्डिग जांची गई तो उसमें सब धुंधला दिख रहा था। विवि के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर संजय स्वर्णकार ने बताया कि ऐसे कॉलेजों की जांच के लिए एक विशेष कमेटी गठित की गई है। जहां गड़बड़ी मिलेगी, उस कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
पिछले साल 44 कॉलेज पाए गए थे दोषी
विवि की वार्षिक परीक्षाओं के दौरान पिछले साल 44 कॉलेज सामूहिक नकल के दोषी पाए गए थे। परीक्षा समिति की बैठक में इन सभी के खिलाफ विवि प्रशासन ने सख्त फैसला लेते हुए 50 हजार से दो लाख रुपये तक जुर्माना लगाया था। साथ ही ऐसे कॉलेजों को दो साल तक परीक्षा केंद्र न बनाने का फैसला भी किया था।
-कई कॉलेजों में सामूहिक नकल के मामले सामने आए हैं। हालांकि नियमानुसार परीक्षा समिति में इन पर चर्चा करते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। कॉलेजों को डिबार करने के साथ परीक्षा भी निरस्त कराएंगे। - प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलपति, सीएसजेएमयू
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