नहर किनारे 26 गोवंश मृत मिलने से सनसनी, किसकी है ये करतूत-गोशाला या गो-तस्कर
जसवंतनगर में कचौरा बाइपास से संपर्क मार्ग किनारे तेज बदबू आने पर ग्रामीणों को जानकारी हुई।
इटावा, जेएनएन। जसवंतनगर में कचौरा बाईपास से संपर्क मार्ग पर नहर किनारे से अचानक तेज बदबू आने से ग्रामीण सहम गए। किसी की हत्या की आशंका पर मौके पर पहुंचे ग्रामीण नजारा देखकर सन्न रह गए। नहर किनारे करीब 26 गोवंश (सांड़) मृत अवस्था में पड़े थे और उनसे उठने वाली दुर्गंध के कारण रुक पाना मुश्किल हो रहा था। घटना से आक्रोशित लोगों की जुबान पर सिर्फ एक सवाल था, ये करतूत किसकी है, इसके पीछे गोशाला का हाथ या फिर गो-तस्कर हैं। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थित संभाली और आनन फानन सभी गोवंश गड्ढा खुदवाकर दफन कराए।
करीब दो दिन पहले हुई गोवंशों की मौत
रविवार की दोपहर जानकारी मिलने के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई थी। इसके बाद तीन जेसीबी बुलाकर जिला मुख्यालय पर अधिकारियों को जानकारी दी। सूचना पर एसडीएम ज्योत्सना बंधु व सीओ उत्तम ङ्क्षसह, समेत अफसर पहुंच गए। पशु चिकित्सकों की टीम ने नगर पालिका के कर्मियों की मदद से मृत गोवंशों का पोस्टमार्टम कराया। नहर किनारे गड्ढा खुदवाकर नमक डालने के बाद सभी गोवंश दफन करवाए। उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल कंसल ने बताया कि गोवंशों की मौत 36 से 48 घंटे पहले भूख व दम घुटने के कारण हुई है।
किसकी है ये करतूत
एक तरफ पुलिस जांच करने से बचने के लिए दूसरी जगह से मृत गोवंश लाकर यहां फेंके जाने की बात कह रही है, प्रशासनिक अफसर भी जांच कराने की बात कह रहे हैं। इसके इतर लोगों की जुबां पर सिर्फ एक ही सवाल है कि आखिर ये करतूत किसकी है। वो इसे किसी गोशाला अथवा गो तस्करी से जुड़े लोगों का कृत्य मान रहे है। जनपद में अधिकांश गोशालाओं में अब तक सैकड़ों गोवंश भूख से मर चुके हैं। बड़ा सवाल यह कि मृत मिलने वाले गोवंश में सभी सांड हैं। इसलिए एक अंदेशा यह भी है कि तस्करी के दौरान पुलिस की सख्त चेङ्क्षकग के कारण वाहन रोकना पड़ा हो और ज्यादा समय तक न निकाल पाने से गोवंशों की बंद वाहनों में ही भूख और दम घुटने से मौत हो गई हो। इसके बाद वाहन को नहर किनारे लाकर खाली कर दिया गया हो।