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इस्कान मंदिर में देश-विदेश के प्रोफेसर आइआइटीयन्स ने दिया, लर्न गीता-लिव गीता का संदेश

कानपुर के मैनावती मार्ग स्थित इस्कान मंदिर में भजन कीर्तन संग 20वें एल्यूमिनाई आयोजन की शुरुआत हो गई है। यहां देश-विदेश के प्रोफेसर संग आइआइटीयन ने आध्यात्म संग सफल जीवन के मंत्र दिया और लर्न गीता-लिव गीता पर बात की।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 01:58 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 01:58 PM (IST)
इस्कान मंदिर में देश-विदेश के प्रोफेसर आइआइटीयन्स ने दिया, लर्न गीता-लिव गीता का संदेश
इस्कान मंदिर में हुआ भव्य कार्यक्रम का आयोजन।

कानपुर, जागरण संवाददाता। इस्कान मंदिर में शनिवार से भक्ति वेदांत क्लब की ओर से आइआइटी ग्रांड एल्यूमिनाई री-यूनियन के 20 वें आयोजन की शुरुआत भजन-कीर्तन संग की गई। मंदिर में कृष्ण भावनामृत उपदेश के प्रसार-प्रचार के सफल 20 वर्ष का जश्न देशभर से आए आइआइटीयन के बीच मनाया गया। भव्य आयोजन में लगभग 300 छात्र-छात्राओं और प्रोफेसर ने भागीदारी की। मंदिर में दो दिवसीय आयोजन के बाद छह को आइआइटी कानपुर तथा सात व आठ दिसंबर को वृदांवन में भव्य आयोजन किया जाएगा।

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शनिवार को पहले दिन बीजीआइएस वृंदावन, देहरादून और रांची के केंद्रों से आए विद्यार्थियों ने लर्न गीता लिव गीता के जरिए आनलाइन भगवत गीता के महत्व से परिचित कराया। इसके बाद प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा और गोपा माताजी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में आइआइटी के विद्यार्थियों ने आध्यात्मिक रिट्रीट, ट्रैजर हंट, भगवत गीता और भागवतम प्रवचन, श्लोक अंताक्षरी, उत्साही कीर्तन, स्वादिष्ट प्रसादम, मंत्र ध्यान जैसी मनोहारी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। इसमें देश की समस्त आइआइटी के साथ कई विदेशी विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस्कान मंदिर के गोपाल कृष्ण महाराज सहित कई संतों ने भौतिक वाद और अध्यात्मिक संतुलन पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने सफल मार्गदर्शन में अनेक छात्रों को भक्ति योग का संदेश देकर जीवन को वास्तविक रूप मे सार्थक बनाने का पाठ पढ़ाया।

संध्या काल में हुए कार्यक्रम में आइआइटीयन ने कृष्ण भावनामृत के प्रति उत्साह वर्धन करते हुए भागवतम, भगवत गीता का उपदेश, हरिनाम संकीर्तन, गंगा सफारी, नाट््य, रोबोटिक्स लैब आइआइटी और वृंदावन धाम की यात्रा का मंचन किया। इस अवसर पर इस्कान संस्था गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज, भक्ति आश्रय वैष्णव महाराज, प्रबोधानंद सरस्वती महाराज, गौर नारायण महाराज, सुखदेव महाराज, संकर्षण निताइ प्रभु, देवकीनंदन प्रभु, बासु घोष आदि उपस्थित रहे।

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युवाओं को भारतीय संस्कृति व संस्कारों से परिचित कराने के लिए इस्कान की ओर से यह आयोजन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। इसके जरिए युवाओं को संस्कारवान बनाने के साथ शिक्षा के क्षेत्र में बढऩे के लिए प्रेरित किया जाता है। - देवकीनंदन दास प्रभु

देश-विदेश के प्रोफेसर व आइआइटीयन के साथ मंच साझा करने का अवसर मिल रहा है भगवत गीता और वेद शास्त्र से सफल जीवन का मार्ग दिखाया जाता है। यह अवसर पर युवाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी रहता है।

- प्रेमराज, आइआइटी कानपुर।

जो युवा भौतिकवाद में फंस जाते हैं उनको मार्ग दिखाकर लक्ष्य तक पहुंचाने में इस्कान की ओर से आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम लाभकारी होते हैं। जो उनको लक्ष्य पर लाने में मदद करते हैं।

- अक्षय कुमार नायक, आइआइएम इंदौर।

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हर वर्ष अपने परिवार के साथ इसमें शामिल होने आती हूं। इस्कान बच्चों में संस्कार का विकास करता है। परिवार को सही दिशा मिलती है। प्रभु का मनन करते हुए जीवन जीना ही सबसे सुखद क्षण है।

- मोनालिसा, आइआइटी पटना।


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