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्रगूगल पर नंबर ढूंढ़कर किया फोन, खाते से निकल गए छह लाख रुपये

साइबर ठगों ने सिविल लाइंस के साफ्टवेयर इंजीनियर को बनाया शिकार

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 01:50 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 01:50 AM (IST)
्रगूगल पर नंबर ढूंढ़कर किया फोन,  खाते से निकल गए छह लाख रुपये
्रगूगल पर नंबर ढूंढ़कर किया फोन, खाते से निकल गए छह लाख रुपये

जासं, कानपुर : साइबर ठगों ने सिविल लाइंस निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर आशीष अग्रवाल को झांसा देकर उनके खाते से करीब छह लाख रुपये पार कर दिए। इंजीनियर ने केवाइसी पूरी न होने के कारण बैंक का कस्टमर केयर नंबर गूगल से ढूंढ़कर फोन किया था, लेकिन काल रिसीव करने वाले शातिर ठग निकले। पीड़ित ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

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आशीष महाराष्ट्र की एक कंपनी में कार्यरत हैं, लेकिन घर से ही वर्क फ्राम होम कर रहे हैं। उन्होंने बताया, एसबीआइ का बचत खाता केवाइसी पूरी न होने के कारण होल्ड हो गया था। पांच अक्टूबर को उन्होंने खाता अनहोल्ड कराने के लिए गूगल पर कस्टमर केयर नंबर ढूंढ़कर फोन किया। काल रिसीव करने वाले ने बैंक खाते, एटीएम कार्ड, ओटीपी समेत कई जानकारियां लीं, लेकिन खाता अनहोल्ड करने में तकनीकी दिक्कत बताकर बैंक जाने के लिए कहा। अगले दिन आशीष पत्नी के साथ बैंक पहुंचे और प्रार्थना पत्र देकर खाता अनहोल्ड कराया। इसके कुछ देर बाद ही कई बार में खाते से 5.98 लाख रुपये निकल गए। तब उन्होंने बैंक में शिकायत की और फिर ईएफआइआर लिखाई। आशीष ने बताया, ईएफआइआर निरस्त होने का मैसेज आया, तब वह थाने पहुंचे। कोतवाली प्रभारी रामकुमार गुप्ता ने बताया साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है। यूपीआइ से विभिन्न खातों में ट्रांजेक्शन होने की बात सामने आई है। उन खातों की पड़ताल की जा रही है।

मंगेतर के प्रेमी की हत्या में उम्रकैद

जासं, कानपुर : मंगेतर (होने वाली पत्नी) के प्रेमी की हत्या में आरोपित को अपर सत्र न्यायाधीश आशीष कुमार चौरसिया ने उम्रकैद और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया है। वहीं साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने दूसरे भाई को बरी कर दिया।

कर्नलगंज निवासी विशाल की शादी क्षेत्र की एक लड़की से तय हुई थी। दोनों की सगाई हो चुकी थी। वहीं सगाई से पहले लड़की के संबंध दीपेंद्र उर्फ मितुल से थे। इसे लेकर कई बार दीपेंद्र और विशाल में कहासुनी भी हुई थी। एडीजीसी प्रदीप बाजपेयी ने बताया कि 21 जुलाई 2014 को दीपेंद्र घर से निकला, लेकिन वापस नहीं लौटा। दूसरे दिन लालइमली भैंसा गोदाम स्थित सूखे कुएं में उसका शव मिला। पुलिस ने पहले लड़की और बाद में विशाल व उसके भाई विकास को गिरफ्तार किया था। विशाल ने ही उसे बुलाया था और ईट से कूचकर हत्या कर दी थी। साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने विशाल को दोषी करार दिया। जुर्माने की राशि से 65 हजार रुपये मृतक के माता पिता को दिए जाएंगे। एडीजीसी ने बताया कि पुलिस ने लड़की पर भी कार्रवाई की थी। वह नाबालिग थी, लिहाजा उसका मामला किशोर न्यायबोर्ड में विचाराधीन है। वहीं विशाल के भाई विकास के खिलाफ कोई साक्ष्य न होने के चलते न्यायालय ने उसे बरी कर दिया।


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