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थानाध्यक्ष की सक्रियता और इंटरनेट मीडिया की तेजी ने भटके बेटे को पिता से मिलाया

Heart Touching Story इटावा के ऊसराहार थाना क्षेत्र में भटके मिले मानिसक बीमार किशोर को थानाध्यक्ष ने इंटरनेट मीडिया की मदद से स्वजन से मिलवा दिया। मैनपुरी से आए पिता ने बेटे को सामने देखा तो आंखों से खुशी के आंसू छलकने लगे।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 09:36 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 09:36 PM (IST)
थानाध्यक्ष की सक्रियता और इंटरनेट मीडिया की तेजी ने भटके बेटे को पिता से मिलाया
मयंक सिंह चौहान अपने पिता धर्मेंद्र सिंह चौहान के साथ बाएं।

इटावा, जेएनएन। Heart Touching Story कई मामलों में शर्मसार कर चुकी खाकी ने शहर में कुछ ऐसा कर दिखाया कि लोग तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। भटके मासूम को घरवालों से मिलाने के लिए थानाध्यक्ष ने इंटरनेट मीडिया के फेसबुक, वाट्सएप समेत सभी प्लेटफार्म का सहारा लिया और आखिर सफल भी हो गए। मैनपुरी से आए स्वजन ने सामने मासूम को देखा तो आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। वहीं इस घटना की जानकारी होने पर लोगों ने भी मित्र पुलिस की खूब तारीफ की। 

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ऊसराहार थाना क्षेत्र में रविवार शाम एक बालक कहीं से भटक कर आ गया था और परेशान हालत में सड़क पर घूम रहा था। लोगों की नजर उसपर पड़ी तो उसे खाने को दिया और पूछताछ की लेकिन मानसिक हालत ठीक न होने की वजह से वह कुछ बता नहीं पा रहा था। इसपर लोगों ने ऊसराहार थाने में सूचना दी तो पुलिस कर्मी मयंक को थाने ले गए। यहां पर थानाध्यक्ष गंगादास गौतम ने बच्चे से उसके घर के बारे में जानकारी तो वह सिर्फ पिता का नाम और मैनपुरी जिला बताया। इसके बाद थानाध्यक्ष एसपी को लापता किशोर के बारे में अवगत कराया और उसकी फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल की। फेसबुक, वाट्सएप समेत अन्य प्लेटफार्म पर फोटो वायरल कर दी, इसके कुछ देर बाद बच्चे के घरवालों तक सूचना पहुंची। इसपर मैनपुरी के थाना कुर्रा के कल्याणपुर पतारा में रहने वाले धर्मेंद्र सिंह ने वायरल फोटो के साथ दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। थानाध्यक्ष ने बच्चे के बारे में पूछताछ की और उन्हें थाने बुलाया। देर रात थाने पहुंचे पिता धर्मेंद्र ने बताया कि बेटे का नाम मयंक सिंह चौहान है और उसकी उम्र करीब 15 वर्ष है। वह मानसिक रूप से बीमार रहता है और उसका इलाज करा रहे हैं। वह घर से बुछ बताए बिना लापता हो गया था। थाने में पिता को सामने देखकर मयंक का चेहरा खिल उठा तो धर्मेंद्र भी बेटे को सामने देखकर आंखों से खुशी के आंसू नहीं रोक पाए। थानाध्यक्ष गंगादास गौतम ने बताया इंटरनेट मीडिया पर फोटो वायरल करने के बाद किशोर के परिजन पहचान करके आए थे। पिता धर्मेंद्र सिंह को लिखापढ़ी कराने के बाद किशोर को सौंप दिया गया है। पिता ने बेटे की मानसिक हालत ठीक न होने की वजह से भटक कर आने की जानकारी दी है। 


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