अफसरों का ढीला रवैया, वाहन चालकों का नहीं कोई खेवैया
चकेरी से भौंती एलिवेटेड रोड में छह माह पहले पनकी गैस प्लांट अंडर पास के गार्डर टूट गए थे।
जागरण संवाददाता,कानपुर: चकेरी से भौंती एलिवेटेड रोड में छह माह पहले पनकी गैस प्लांट अंडरपास के गार्डर टूट गये थे। एनएचएआइ अफसरों के ढीले रवैये के चलते अभी तक इसकी मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पाया है। एलिवेटेड रोड से प्रतिदिन निकलने वाले 30 हजार वाहनों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पनकी गैस प्लांट अंडरपास की बेयरिग पांच अप्रैल को फेल हो गई थी। इसके बाद से एलिवेटेड रोड को तात्याटोपेनगर से बंद कर यातायात एलिवेटेड की सर्विस रोड से होकर भौंती की तरफ जा रहे हैं।
एनएचएआइ की मेंटिनेंस एजेंसी ओरियंट कंपनी ने टूटी बेयरिग की जांच कराई। आइआइटी ने डेढ़ माह में इसकी रिपोर्ट दी। इसके बाद अंडरपास की बेयरिग बनाने के लिए कंपनी का चयन में दो माह बीत गये। कंपनी तय हुई तो दो माह बेयरिग बनने में लग गया। सितंबर के पहले सप्ताह में गाजियाबाद की कंपनी ने अंडरपास की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। जबकि अंडरपास की मरम्मत की अपेक्षा मेट्रो के काम बहुत तेजी से चल रहा है। दो वर्ष में आइआइटी से मोतीझील तक गार्डर रख दिये। अब नवंबर तक इसे चालू करने की तैयारी है।
कंपनी के सहायक अभियंता अयान खान ने बताया कि अंडरपास के गार्डर उठाकर उनकी बेयरिग तोड़कर नई बेयरिग लगाई जा रही है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक पंकज मिश्रा ने बताया कि कोविड की वजह से काम में देरी हुई है। बेयरिग बदलना बहुत तकनीकी काम होता है, इस वजह से देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर तक अंडर पास की मरम्मत का काम पूरा कर दिया जाएगा। इसके बाद निरीक्षण 30 सितंबर से यातायात शुरू किया जाएगा।