Sleep apnea: मुंह खोलकर सोना महज आदत नहीं, बल्कि बड़े खतरे का है संकेत; जानें- लक्षण व बचाव
Sleep apnea Diagnosis and treatment कानपुर के ईएनटी सर्जन डा. संगीता सेंगर ने बताया कि स्लीप एपनिया की समस्या कई गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बनती है लेकिन जीवनशैली में परिवर्तन करके इसमें काबू पाया जा सकता है...
कानपुर, जेएनएन। कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि रात में कभी-कभी उनकी सांसें रुक-रुक के चलती हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो समझिए आप स्लीप एपनिया के शिकार हैं। स्लीप एपनिया एक गंभीर स्थिति है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह एक स्लीप डिस्ऑर्डर है, जिसमें सांस रुकती और शुरू होती है। अगर आप नींद में तेज आवाज के साथ खर्राटे लेते हैं और रात में पूरी नींद लेने के पश्चात भी थका हुआ महसूस करते हैं तो आप स्लीप एपनिया के शिकार हो सकते हैं। स्लीप एपनिया के कारण गंभीर हृदय रोग और दूसरी स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
कम होने लगता है रक्त में आक्सीजन का स्तर: खर्राटे लेना एक सामान्य समस्या है, लेकिन यह स्लीप एप्निया का संकेत हो सकता है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इसमें सांस के रुककर चलने के कारण रक्त में आक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिन लोगों को स्लीप एपनिया हो वे खर्राटे लें या जो खर्राटे लेते हैं, उन्हें स्लीप एपनिया हो। अगर सात-आठ घंटे सोने के बाद भी अत्यधिक थकान और उनींदेपन से पीड़ित हैं तो आप स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं।
प्रमुख कारक
- अनुवांशिक कारण
- वजन अधिक होना। इससे श्वसन मार्ग के ऊपरी भाग में वसा का जमाव हो जाता है
- जिन लोगों की गर्दन पतली होती है, उनका श्वसन मार्ग संकरा होता है। इसके अलावा टांसिल्स बढ़े होने से भी श्वसन मार्ग में अवरोध होता है
- अल्कोहल, नींद की गोलियां और अवसाद दूर करने वाली दवाइयां गले की मांसपेशियों को ढीला कर देती हैं
- धूमपान करने वाले लोगों में इसका खतरा धूमपान न करने वालों की तुलना में तीन गुना होता है, क्योंकि इससे श्वसन मार्ग में सूजन आ जाती है
- एलर्जी या किसी और कारण से जिन लोगों को नाक से सांस लेने में समस्या होती है, उनमें इसकी आशंका बढ़ जाती है
कुछ सामान्य लक्षण
- दिन में अत्यधिक उनींदापन अनुभव करना
- नींद में थोड़ी देर के लिए सांस का रुक जाना
- सुबह उठने पर मुंह में सूखापन और गले में खराश का अनुभव होना
- सुबह-सुबह सिरदर्द होना
- सोने में कठिनाई होना
- ध्यान केंद्रित करने में समस्या होना
- टीवी देखते समय, किसी से बात करते समय या ड्राइव करते-करते झपकी लग जाना
रोकथाम के उपाय: स्लीप एप्निया को जीवनशैली में परिवर्तन लाकर और कुछ घरेलू उपायों के द्वारा ठीक किया जा सकता है।
- अपने वजन को कम करें
- नियमित व्यायाम करें
- अल्कोहल और नींद की गोलियों के सेवन से बचें
- धूमपान न करें
- पीठ के बल सोने के बजाय पेट के बल या करवट लेकर सोएं
उपचार: अगर स्लीप एपनिया की समस्या मामूली है तो उसे जीवनशैली में परिवर्तन लाकर ठीक किया जा सकता है, लेकिन जब समस्या थोड़ी गंभीर हो तो कुछ यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है, जो श्वसन मार्ग को खोलते हैं। कई बार गंभीर मामलों में सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है।