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12 हजार Americans को चूना लगाने वाले का साथी गिरफ्तार, कानपुर में बैठकर Hack कर लेते थे Mobile

कॉल सेंटर का संचालक नोएडा सेक्टर 25 निवासी मोहिंदर शर्मा अपने साथियों के साथ मिलकर अमेरिका में रहने वाले लोगों के कंप्यूटर पर मालवेयर वायरस भेजकर उसे हैक करते थे और फिर तकनीकी सपोर्ट देने का झांसा देकर अपने खातों में रकम जमा कराते थे।

By Akash DwivediEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 03:01 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 03:01 PM (IST)
12 हजार Americans को चूना लगाने वाले का साथी गिरफ्तार, कानपुर में बैठकर Hack कर लेते थे Mobile
बीएमडब्ल्यू कार से कानपुर आया था और पुलिस ने उसे गीतानगर के पास दबोच लिया

कानपुर, जेएनएन। काकादेव में फर्जी काल सेंटर से अमेरिका के 12 हजार लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुके मोहिंद्र शर्मा के साथी जसराज सिंह को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। वह दिल्ली के जनकपुरी C5A/34 फर्स्ट फ्लोर में रहता था और उसके पास से विभिन्न बैंकों के 25 एटीएम कार्ड, 2 पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, नौ चेक बुक, दो पासबुक , तीन मोबाइल फोन तथा दो लैपटॉप बरामद हुए हैं। इससे पहले पुलिस ने मोहिंद्र समेत चार लोगों को गिरफ्तार करके करोड़ों की धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया था। जसराज किसी काम से अपनी बीएमडब्ल्यू कार से कानपुर आया था और पुलिस ने उसे गीतानगर के पास दबोच लिया।

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यह है पूरा मामला : पिछले दिनों क्राइम ब्रांच और काकादेव पुलिस ने उन चौराहे के पास एक हॉस्टल में छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था। कॉल सेंटर का संचालक नोएडा सेक्टर 25 निवासी मोहिंदर शर्मा अपने साथियों के साथ मिलकर अमेरिका में रहने वाले लोगों के कंप्यूटर पर मालवेयर वायरस भेजकर उसे हैक करते थे और फिर तकनीकी सपोर्ट देने का झांसा देकर अपने खातों में रकम जमा कराते थे। जांच में सामने आया था कि आरोपितों ने एक साल में करीब 8 करोड़ रुपये अमेरिका के विभिन्न लोगों से अपने खातों में जमा कराए थे।

रकम ट्रांसफर करने के लिए पेमेंट गेटवे का इंतजाम करता था : क्राइम ब्रांच की जांच में पुलिस को मोहिंदर शर्मा के साथी जनकपुरी नई दिल्ली निवासी जसराज सिंह के बारे में जानकारी मिली। जसराज ही अमेरिका से भारत में रकम ट्रांसफर करने के लिए पेमेंट गेटवे का इंतजाम करता था। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि जसराज दिल्ली में जेआरएस हाट कोचर नाम से कपड़ों का शोरूम चलाता है। उसका अमेरिका जाना भी होता था। आरोपित ने बताया है कि कंप्यूटर मेंटीनेंस के नाम पर विदेशों से लोगों के मोबाइल का डाटा चोरी करने के बाद उनके एटीएम कार्ड वह पिन नंबर व सीवीसी नंबर प्राप्त कर लेता है। रकम ट्रांसफर करके अपने पास लाने के लिए ऑनलाइन एक गेटवे की आवश्यकता होती है। जिस पर जसराज ने अमेरिकी नागरिक टॉड एल. थॉमस के जरिए mipldigitalonline.com गेटवे से पैसे मंगाने की व्यवस्था की थी। बैंक ऑफ अमेरिका के डेबिट कार्ड से पैसा निकाल कर मोहिंदर शर्मा को देता था जो टीम के अन्य सदस्य जिकरुल्लाह, संजीव गुप्ता तथा सूरज सुमन को उनके हिस्से की धनराशि देता था। बरामद एटीएम कार्डों में बैंक ऑफ अमेरिका का भी एटीएम कार्ड है, जिससे वह अमेरिका से जालसाजी करके मंगाए गए पैसों को निकाल कर अपना हिस्सा लेने के बाद टीम के अन्य सदस्यों को देता था। पुलिस ने आरोपित के वाट्सएप की चैटिंग को चेक किया तो पता चला कि उसने मोहिंदर शर्मा आदि से धनराशि के लेनदेन के बाबत वार्ता की थी। लैपटॉप में मुकदमे से संबंधित किए गए अपराध के बाबत डाटा पाया गया तथा विदेशी कस्टमर की प्राइवेट जानकारी मिली है। तथा मोबाइल से एक अन्य फरार आरोपित अर्श बरार व पूर्व में पकड़े गए सूरज सुमन से आकाश काल्र्स नाम एक ग्रुप पर पैसे के ट्रांसफर व नगद निकासी से सम्बन्धी जानकारी प्राप्त हुई।


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