फर्रुखाबाद जेल में भूख हड़ताल पर बैठे बंदी, कारागार प्रशासन पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
Hunger Strike of Prisoners शासन की ओर से अब बंदियों के घर से आने वाली सामग्री को अंदर जाने की अनुमति दे दी है। बंदियों का आरोप है कि शासन के आदेश के बावजूद जेल प्रशासन बाहर से आने वाली सामग्री को अंदर जाने देने के लिए वसूली करते हैं।
फर्रुखाबाद, जेएनएन। जिला जेल में भ्रष्टाचार के खिलाफ बंदियों ने मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को सुबह से ही बंदियों ने भोजन लेने से इन्कार कर दिया। जेल प्रशासन की ओर से भेजे गए भोजन की ट्रालियों के लिए बंदियों ने बैरक का गेट नहीं खुलने दिया। देर शाम तक अधिकारी मामले को रफादफा करने की फिराक में बंदियों की खुशामद में लगे हैं।
विगत लगभग डेढ़ वर्ष से जेलों में मुलाकात पर पाबंदी लगी है। हाल ही में शासन की ओर से अब बंदियों के घर से आने वाली सामग्री को अंदर जाने की अनुमति दे दी है। बंदियों का आरोप है कि शासन के आदेश के बावजूद जेल प्रशासन बाहर से आने वाली सामग्री को अंदर जाने देने के लिए वसूली करते हैं। इसके अलावा जेल के अंदर कैंटीन का संचालन किया जा रहा है। जिस पर दो गुने दामों पर खाद्य सामग्री व अन्य दैनिक जरूरत का सामान बेचा जाता है। दबंग बंदी तो इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं, जबकि आम गरीब बंदी इन सुविधाओं का लाभ लेने में सक्षम नहीं है। इसको लेकर बंदियों में पनप रहा रोष शुक्रवार को फूट पड़ा। बंदियों ने सुबह से ही खाना लेकर आने वाली ट्रालियों के लिए बैरक गेट नहीं खुलने दिया। देर शाम तक बंदी एक डिप्टी जेलर के खिलाफ कार्रवाई के लिए जेल प्रशासन के विरोध में बैरकों से नारेबाजी करते रहे। जेल अधिकारी मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों या प्रशासन को देने के बजाए बंदियों की खुशामद में लगे रहे। अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें अभी तक किसी ने सूचना नहीं दी है। मामले की जानकारी कराई जाएगी।