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राष्ट्रपति कोविन्द का पैतृक गांव में हो सकता है आगमन, कानपुर देहात के डीएम से भेंटकर जाना हाल

President Ramnath Kovind Kanpur Dehat Visit राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के बाद पहली बार अपने गांव परौंख आ रहे हैं। उनका कार्यक्रम 22 जून को प्रस्तावित है। इसके लिए प्रशासन तैयारियों में जुटा है। साफ-सफाई पर विशेष जोर है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 10:09 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 10:09 PM (IST)
राष्ट्रपति कोविन्द का पैतृक गांव में हो सकता है आगमन, कानपुर देहात के डीएम से भेंटकर जाना हाल
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को जिले के बारे में जानकारी देते डीएम जेपी सिंह।

कानपुर देहात, जेएनएन। President Ramnath Kovind Kanpur Dehat Visit यदि राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द अपने पैतृक गांव परौंख आते हैं तो उनके सामने एक अलग ही तस्वीर होगी। पहले की तुलना में जगमगाते और विकसित गांव में स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के साथ ही महिला सशक्तीकरण की झलक दिखाई पड़ेगी। मिशन प्रेरणा ओजस के तहत सोलर लैंप बनाने के लिए जिले में जब महिलाओं का चयन किया गया तो राष्ट्रपति का गांव परौंख भी शामिल किया गया। यहां की महिलाओं ने प्रशिक्षण के बाद सोलर लैंप बनाना सीखा। आसपास क्षेत्र की महिलाएं भी इसमें शामिल हुईं। अब ये महिलाएं सोलर लैंप तैयार कर रही हैं। समूह की महिलाओं ने अभी तक करीब एक लाख रुपये के सोलर लैंप बेचे हैं। दूसरी ओर परौंख के पुराने सामुदायिक शौचालय को भी सौर ऊर्जा के जरिए रोशन कर दिया गया है। वहीं, राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को कानपुर देहात के जिलाधिकारी जेपी सिंह से राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मुलाकात की। 

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परौंख बेसब्री से कर रहा राष्ट्रपति का इंतजार: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के बाद पहली बार अपने गांव परौंख आ सकते हैं। दरअसल, राष्ट्रपति और जनपद के डीएम की मुलाकात से कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही वे यहां आ सकते हैं। हालांकि कार्यक्रम की कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है। ग्रामीणों ने अधिकारपूर्वक एक लंबी सूची बना रखी है, ताकि जब राष्ट्रपति गांव आएं तो विकास और रोजगार सृजन की पटकथा लिखी जा सके। व्यस्तता के कारण से बेशक लंबे समय से गांव न आ पाएं हों, लेकिन गांव के प्रति उनका जुड़ाव लगातार देखने को मिलता है। ग्रामीण बतातें हैं कि जब वह बिहार के राज्यपाल थे, तब 8 दिसंबर 2015 को परौंख आए थे। 2017 में राष्ट्रपति बने, उसके बाद कई बार उनके गांव आने का कार्यक्रम बना, लेकिन एन वक्त पर दौरा टलता रहा। राष्ट्रपति पांच भाइयों में सबसे छोटे हैं। दो भाइयों की मृत्यु हो चुकी है। एक गुना में और एक झींझक में रहते हैं। राष्ट्रपति अपना पैतृक आवास दान कर चुके हैं। 

राष्ट्रपति ने डीएम से पूछा कैसा है परौंख: मंगलवार को शिष्टाचार भेंट के दौरान राष्ट्रपति ने डीएम से अपने गांव परौंख व जिले का हाल जाना। डीएम ने विकास कार्यों के बारे में उन्हें जानकारी दी। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जुलाई में कार्यक्रम के संकेत दिए गए हैं। राष्ट्रपति भवन के बुलावे पर डीएम सोमवार को दिल्ली रवाना हुए थे। डीएम ने जागरण डॉट कॉम को बताया कि राष्ट्रपति भवन से जैसा आगे निर्देश मिलेगा, उस हिसाब से कार्यक्रम तय किया जाएगा।


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