Move to Jagran APP

बांदा में मंदिर के पुजारी से अफसरों ने मांगा 'भगवान का आधार कार्ड', जानिए- क्या है पूरा मामला

Aadhaar Card of God बांदा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो कि इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां रामजानकी मंदिर में उगाए गए गेहूं काे बेचने के संदर्भ में पुजारी से एसडीएम ने कहा कि पहले भगवान का आधार कार्ड लेकर आओ।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 03:57 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 08:36 PM (IST)
बांदा में मंदिर के पुजारी से अफसरों ने मांगा 'भगवान का आधार कार्ड', जानिए- क्या है पूरा मामला
भगवान के आधार कार्ड से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

बांदा, [जागरण स्पेशल]। Aadhaar Card of God यूपी के बांदा जिले में कुछ दिन पहले रामजानकी मंदिर की 40 बीघा जमीन पर उपजे गेहूं की बिक्री नहीं हो सकी थी। उस समय मंदिर के पुजारी से अधिकारियों ने एक ऐसी असंभव बात कह दी थी जो कि गांव ही नहीं, बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई थी। दरअसल, वाकया कुछ यूं था कि जब मंदिर की जमीन पर उगाए गए गेहूं को बेचने के लिए मंदिर समिति के लोगों ने एसडीएम से बात की तो उन्होंने उनसे (मंदिर समिति के लोगों से) भगवान का आधार कार्ड लाने को कहा। मामला बढ़ने के बाद अफसरों ने बात को गोल-गोल घुमाते हुए कहा कि भगवान का आधार कार्ड नहीं मांगा गया है, लेकिन नियमों के अनुसार जिसके नाम जमीन होगी उसका आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा। 

loksabha election banner

यह है पूरा मामला: तहसील क्षेत्र के खुरहंड गांव में रामजानकी विराजमान का मंदिर है। जिसके पुजारी महंत रामकुमारदास ने बताया कि मंदिर में 40 बीघा जमीन रामजानकी विराजमान मंदिर के नाम है। जिसके उपज की बिक्री से रखरखाव व पूजा अर्चना होती है। महंत ने बताया कि अप्रैल माह में रामजानकी विराजमान मंदिर संरक्षक रामकुमार दास के नाम से खुरहंड खरीद केंद्र में उपज की बिक्री हेतु आनलाइन पंजीकरण कराया था। लेखपाल से सत्यापन के लिए कहा था। कोरोना संक्रमण व पंचायत चुनाव के चलते पंजीकरण के सत्यापन की जानकारी अप्रैल माह में नहीं कर सका। मई में लेखपाल ने बताया कि उनकी ओर से सत्यापन कर दिया गया है। उसके बाद जनसेवा केंद्र पहुंच आनलाइन पंजीकरण की जानकारी करने पर एसडीएम अतर्रा की ओर से निरस्त करने की जानकारी हुई। उन्होंने एसडीएम से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि शासन के नियमानुसार जिसके नाम जमीन होगी। उसका आधार कार्ड आवश्यक है। मंदिर के संरक्षक के आधार कार्ड से फसल की बिक्री नहीं हो सकती है। मंदिर समिति के लोगों का कहना है कि जब जमीन ही भगवान के नाम है तो उनका आधार कार्ड लाना असंभव है।   

इनकी भी सुनिए:

  • भगवान का आधार कार्ड नहीं मांगा गया है। क्रय नीति में किसानों की फसल बिक्री हो सकती है। मंदिर, ट्रस्ट के फसल की बिक्री का प्रविधान नहीं है। - सौरभ शुक्ला, एसडीएम अतर्रा
  • क्रय नीति के तहत मंदिर-ट्रस्ट की फसल बिक्री नहीं हो सकती है, लेकिन उनके बटाईदार अपने हिस्से की फसल की बिक्री आनलाइन पंजीकरण के बाद कर सकते हैं। उक्त मंदिर की उपज बिक्री न होने का मामला संज्ञान में नहीं आया है।  - समीर शुक्ला, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी अतर्रा 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.