Eid Moon Sighting Time: ईद का चांद दिखते ही शुरू हुई आतिशबाजी, महामारी के समय इस तरह भेजें मुबारकबाद
Eid Moon Sighting Time ईद से एक दिन पूर्व मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा कि वैश्विक महामारी के रूप में हम सभी एक बड़ी आपदा से लड़ रहे हैं। ऐसे में आवश्यक है कि हम गाइडलाइन का पालन करते हुए घरों से ही ईद की नमाज अदा करें।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। Eid Moon Sighting Time रमजान के पवित्र माह के 30 दिन बीत चुके हैं। मुस्लिम समुदाय के सभी रोजेदारों ने इफ्तार कर अंतिम रोजा भी खोल लिया है। लॉकडाउन के दौरान गुरुवार सुबह से ही रोजेदार और अन्य लोग ईद की खरीदारी करते नजर आए। शाम करीब 07:15 पर ईद का चांद नजर आते ही चहुंओर खुशियां छा गईं। लोगों ने आतिशबाजी कर ईद की खुशियों को जाहिर किया। चांद नजर आते ही लोगों ने स्वजन और दोस्तों को वीडियो कालिंग कर एक दूसरे को भी चांद के दीदार कराए। इस दरम्यान कानपुर शहर के सभी मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ईद मनाने की अपील की है।
मुस्लिम धर्मगुरुओं का ये है कहना: शिया शहरकाजी मौलाना हामिद हुसैन ने कहा कि ईद पर अपने पड़ोसियों का भी ख्याल रखें और एक दूसरे की मदद करें। साथ ही कोरोना के खात्मे व देश में खुशहाली की दुआ करें।
शहरकाजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी ने कहा कि ईद की खुशी में ऐसे काम न करें जिससे कोरोना फैलने संक्रमण फैलने का खतरा बढ़े।
बुधवार को नहीं दिखा था चांद: बुधवार को चांद नजर न आने के कारण रोयते हिलाल कमेटियों शुक्रवार को ईद मनाने की घोषणा की है। शहरकाजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी ने 14 मई शुक्रवार को ईद होने की घोषणा की है। मरकजी रोयते हिलाल कमेटी के अध्यक्ष मुफ्ती इकबाल अहमद कासमी, उपाध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल रशीद कासमी, शहरकाजी हाफिज मामूर अहमद, मौलाना इनामुल्लाह कासमी, मुफ्ती इजहार मुकर्रम कासमी ने बैठक के बाद घोषणा की चांद की तस्दीक न होने पर ईद शुक्रवार को मनाई जाएगी।
कोरोना के समय सुरक्षित तरीके से मनाएं ईद: वैश्विक महामारी के समय इस बात का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है कि हम कोरोना की चपेट में न आएं। ऐसे में हमें शारीरिक दूरी के नियमों को नहीं भूलना चाहिए। घर पर भी नमाज अदा करते समय मास्क लगाए रहें और स्वजन से उचित दूरी बनाए रखें। ईद के जश्न और खुशियों के बीच लोगों से गले नहीं मिलना चाहिए।
इंटरनेट मीडिया को बनाएं माध्यम: कोरोना कर्फ्यू के समय रिश्तेदारों के घर जाने की अपेक्षा सोशल मीडिया को बधाइयां देने का माध्यम बनाएं। गिले-शिकवे भुलाकर सभी को बधाई संदेश भेजें। ऑनलाइन नमाज सत्र का आयोजन कर लोगों को उससे जोड़ कर खुशियों को दोगुना करें। महामारी के समय घर पर ही लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं और पारंपरिक व्यंजनों के अलावा कई और डिश बनाकर त्योहार मनाएं।