World Asthma Day: कोरोना से ठीक हुए मरीजों में राहत भरी खबर, इंटरस्टिशियल पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण बहुत कम
World asthma day special विशेषज्ञ डॉक्टरों के अध्ययन में इस बार कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों के फेफड़े ज्यादा प्रभावित नहीं हो रहे हैं। पहली लहर में संक्रमित मरीजों के फेफड़े बाद में ज्यादा प्रभावित हुए थे। दवाओं और स्टेरायड्स के इस्तेमाल से राहत मिली है।
कानपुर, शशांक शेखर भारद्वाज। कोरोना संक्रमण के बीच यह खबर काफी राहतदेह है। पिछली बार पॉजिटिव होने के बाद छलनी हुए ज्यादातर लोगों के फेफड़े दुरुस्त हो गए हैं। उनमें इंटरस्टिशियल पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्या या कैंसर जैसे लक्षण न के बराबर मिले हैं। कुछ लोगों को चलने और तेजी से कोई कार्य करने पर सांस फूलने की शिकायत जरूर हो गई है। कानपुर में ऐसे कई केस सामने आ रहे हैं, इसे समझाने के लिए दो केस मात्र बानगी हैं...।
केस-1: किदवई नगर के 55 वर्षीय मोहनलाल त्रिपाठी को पिछले वर्ष कोरोना हुआ था। उनके फेफड़े में निमोनिया के ठीक ठाक निशान मिले थे। उनका हैलट अस्पताल के न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल में इलाज हुआ और वह स्वस्थ हो गए। उनकी दवाएं बाद में मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल से चलीं। अब वह पूरी तरह से ठीक हैं। कुछ इनहेलर चल रहे हैं।
केस-2: विनायकपुर के 63 वर्षीय राममूॢत की पिछले साल कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आई। निजी कोविड अस्पताल से इलाज हुआ। संक्रमण ठीक होने के बावजूद कुछ दिन तक सांस फूलना जारी रहा। उन्होंने मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में दिखाया। दवा खाने के बाद संक्रमण सही हो गया। सांस फूलना भी कम हुआ है। हर महीने जांच के लिए बुलाया जा रहा है।
पोस्ट कोविड के बाद रोग गंभीर होने शंका टली
कोरोना वायरस से संक्रमण की शुरुआत के समय देशभर में कई विशेषज्ञों ने पोस्ट कोविड के बाद गंभीर रोग होने की आशंका जाहिर की थी, लेकिन ऐसा बहुत कम लोगों के साथ हुआ। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल में ऐसे रोगी लगभग न के बराबर आए हैं। कुछ ऐसे लोगों में जरूर समस्या पाई गई, जिनमें टीबी का संक्रमण रहा या फिर धूमपान की लत थी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सबसे अधिक हमला फेफड़े पर हो रहा है। विशेषज्ञों का मत है कि पिछली बार की तरह चिकित्सकों की सलाह से दवाओं, स्टेरॉयड के सेवन, व्यायाम और एहतियात बरतने पर रोगी ठीक हो जाएंगे। उनमें कोई खास समस्या नजर नहीं आएगी।
विशेषज्ञों की राय
-अब तक देखे गए पोस्ट कोविड मरीजों में किसी तरह की कोई खास समस्या नहीं मिली है। उनके फेफड़े सही हो गए हैं। कुछ ने चलने फिरने में सांस फूलने की दिक्कत बताई है। कोरोना संक्रमण के बाद फेफड़े में निमोनिया हो जाता है, जिसकी वजह से मरीजों को सांस लेने में कठिनाई होती है। -प्रो. सुधीर चौधरी, मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल, पूर्व अध्यक्ष चेस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया
-ओपीडी में कोरोना की पहली लहर के बाद सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और उसके बाद कई लोग आए। उन्होंने कोरोना होने के बाद कुछ दिक्कतें बताईं, लेकिन यह जानलेवा नहीं थीं। उनके डिजिटल एक्सरे और सीटी स्कैन में फेफड़े दुरुस्त मिले। अबकी बार भी ठीक होने की संभावना है। दवाएं और व्यायाम करना होगा। -प्रो. अवधेश कुमार, मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल