Fight Against COVID-19: कोरोना की कमर तोडऩे के लिए सराफा कारोबारियों ने की बंदी
CoronaVirus Kanpur Latest News Update यूपी सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश चंद्र जैन और संयोजक कैलाश अग्रवाल ने अलग-अलग बाजारों से बात कर बंदी की घोषणा की है। सराफा बाजार से जुड़े कारोबारियों के मुताबिक चौक और बिरहाना रोड पर तो शायद बंदी पूरी तरह सफल हो जाए
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की तेजी से बढ़ रही संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए सराफा कारोबारियों ने शनिवार को अपनी दुकानें बंद रखीं। यूपी सराफा एसोसिएशन ने शनिवार और रविवार को अपनी दुकानें बंद रखने का आह्वान किया था। हालांकि बिरहाना रोड, नयागंज, चौक में ही बंदी का असर नजर आया। बाकी शहर में अन्य बाजारों में सराफा कारोबारियों की ज्यादातर दुकानें खुली रहीं।
यूपी सराफा एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महेश चंद्र जैन ने शुक्रवार को शनिवार और रविवार को शहर की सराफा दुकानें बंद करने की घोषणा की थी। इसके लिए उन्होंने व संयोजक कैलाश चंद्र अग्रवाल ने शहर के अन्य बाजारों में दुकानदारों से बात भी की थी। सुबह से ही बिरहाना रोड के करीब-करीब सभी शोरूम बंद रहे। करीब आधा दर्जन दुकानें यहां खुली रहीं। नयागंज में कुछ दुकानें बंद रहीं लेकिन ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। खुद कैट के राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोड़ा ने आरोप लगाया कि कई दुकानदारों ने बंदी दिखाने के लिए मुख्य द्वार बंद कर लिया लेकिन पीछे के दरवाजे से वे काम करते रहे। कारोबारियों के सामने यह समस्या इसलिए थी क्योंकि सहालग के मौके पर उन्होंने शनिवार को ग्राहकों को जेवर सौंपने का आश्वासन दिया था जिसकी वजह से उन्हेंं दुकानें खोलनी पड़ीं। चौक सराफा में भी बंदी की यही स्थिति नजर आयी। वहीं गुमटी नंबर पांच, लाल बंगला, गोविंद नगर, बर्रा में सराफा कारोबारियों की दुकानें खुली रहीं। यहां पूरे बाजार में एक-दो दुकानें ही बंद नजर आईं। फुटकर कारोबारियों का कहना था कि सहालग के मौके पर इस तरह की बंदी से होने वाला घाटा सहन नहीं किया जा सकता। वैसे भी फुटकर बाजारों में सराफा की दुकान पर दिन भर में पांच-छह खरीदार ही आते हैं, इसलिए दुकान बंद नहीं कर सकते थे।