Coronavirus Kanpur News: कोरोना संक्रमण काल में रेलवे बनेगा मददगार, 18 कोच के आइसोलेशन वार्ड दुरुस्त
रेलवे ने मई 2020 में आइसोलेशन कोच तैयार कराए थे अब बढ़ते कोविड संक्रमण को लेकर फिर से तैयारी की गई है। कानपुर शहर में हालात और बिगड़े तो अनवरगंज का स्वास्थ्य केंद्र आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा ।
कानपुर, जेएनएन। कोविड संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में चार हजार से ज्यादा कर्मचारियों के साथ ट्रेनों का संचालन करने वाले रेलवे ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अनवरगंज के रेलवे स्वास्थ्य केंद्र को जरूरत पडऩे पर आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। बीते वर्ष तैयार किए गए आइसोलेशन कोच भी दुरुस्त किए जा रहे हैं।
पिछले साल कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा था तो सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड कम पड़ गए थे। इसके बाद रेलवे कर्मचारियों को भर्ती करने के लिए अनवरगंज का स्वास्थ्य केंद्र आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था। 25 बेड के इस अस्पताल को करीब तीन माह संचालित किया गया। कोविड संक्रमण की रफ्तार थमने के बाद अस्पताल में फिर ओपीडी शुरू करा दी गई थी। रेलवे अधिकारी बताते हैं कि इस बार संक्रमण अधिक गंभीर है। जरूरत पड़ी तो रेलवे अपने दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों को भी आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर सकता है।
कोच के आइसोलेशन वार्ड में 900 संक्रमित रह सकेंगे
रेलवे बोर्ड के निर्देश पर अधिकारियों ने सेंट्रल स्टेशन पर मई 2020 में नौ-नौ कोच के दो आइसोलेशन वार्ड बनाए थे। एक कोच में 50 संक्रमितों को रखने की व्यवस्था थी। रेलवे का ये आइसोलेशन वार्ड दूसरे राज्यों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तैयार किए गए थे। हालांकि इनकी जरूरत नहीं पड़ी। जरूरत पडऩे पर इनका प्रयोग भी किया जा सकता है। एक बार में 900 संक्रमितों को इसमें आइसोलेट किया जा सकता है।
आठ और नौ प्लेटफार्म पर ली जा रही हैं मुंबई की ट्रेनें
मुंबई से आने वाली ट्रेनों के जाने के बाद सेंट्रल पर सैनिटाइजेशन के साथ ही सफाई व्यवस्था शुरू की गई है। ऐसा दूसरे यात्रियों को संक्रमण से बचाने के लिए किया गया है। मुंबई की ट्रेनों को प्लेटफार्म नंबर आठ और नौ पर लिया जा रहा है, जबकि दूसरे राज्यों से आने वाली ट्रेनों को दूसरे प्लेटफार्म पर लिया जाता है।
जीआरपी और आरपीएफ करा रही प्रोटोकॉल का पालन
उप मुख्य यातायात प्रबंधक हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि यात्रियों के बीच कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए जीआरपी और आरपीएफ ने जिम्मेदारी संभाली है। मुंबई, दिल्ली, गुजरात से आने वाली ट्रेनों के समय सुरक्षा टीमें माइक और मास्क के साथ यात्रियों के बीच जा रही हैं। जिनके पास मास्क नहीं होता उन्हें मास्क दिया जा रहा है।