दद्दा जीति रहेन हैं, तनिक आशीर्वाद तो देहे जाओ
प्रत्याशियों ने लोगों से वोट देकर जिताने की अपील की।
शैलेंद्र त्रिपाठी/अरुण पांडेय, कानपुर : दद्दा राम-राम, अरे चाचा कहां सरपट भागे चले जा रहे हौ। तनिक रुकि तो जाओ, हम जीति रहेन हैं, आपौ आशीर्वाद तो देहे जाओ, ओखे बाद वोट डारैं जाएव। पीछे से आवाज सुनकर सरसौल ब्लाक के महोली गांव में मतदान करने जा रहे 50 वर्षीय रमेश शुक्ला थोड़ा संभलते हुए रुके तो पीछे से आ रहे सिकठिया जिला पंचायत सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अखिलेश सिंह ने लपक कर पैर छुए। अखिलेश बोले, चाचा एक बार जिता के तो अपने इ बेटवा का देखौ। आपकी उम्मीदन म खरा उतरिबे। इतना सुनते ही रमेश प्रत्याशी की पीठ पर हाथ फेरते हुए बोले, लरिकऊ तुम चिता न करौ। हमरे हेन ते तुमही सबसे भारी रहिऔ। जीत तुम्हार पक्की है। इतना सुनते ही अखिलेश कार में बैठे और आगे निकल गए। कुछ ऐसा ही नजारा सभी मतदान केंद्रों का था। मतदान के दौरान मौका मिलते ही सभी प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाते रहे। वे एक-एक वोट के लिए मनुहार करते नजर आए। जो भी मिला, उसके पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
चुनाव में विजय पताका फहराने के लिए गुरुवार सुबह कोई उम्मीदवार भोलेनाथ की शरण में पहुंचा तो किसी ने दुर्गा मैया के दरबार में हाजिरी लगाई। मतदान शुरू होने से पहले ही बूथ पर पहुंच गए और अपनों को लगा दिया मतदाता बुलाने में। जैसे ही कोई अपना समर्थक बूथ पर नहीं पहुंचा तो बेचैन हो गए। बार-बार फोन करके बुलाते दिखे। हरचंदखेड़ा गांव में जिला पंचायत प्रत्याशी उमेश शुक्ला मतदान केंद्र के बाहर खड़े सरजू को देखकर बोले, दद्दा जिला पंचायती लड़ि रहे हन। तनू हमहू का ध्यान दीने रहेव। तभी उमेश के पीछे से एक युवा मतदाता चुटकी लेते हुए बोला मोहर मारेव तानि के, इनके चुनाव चिह्न का पहचान के। यह सुनते ही प्रत्याशी व सरजू दोनो हंसने लगे और आगे बढ़ गए। इसी तरह बिल्हौर के मकनपुर से प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे मजाहिर हुसैन मतदान केंद्र के बाहर मतदाताओं से गुजारिश करते दिखे। वह केंद्र के बाहर खड़ी एक बुजुर्ग महिला से बोले, हम जीत रहे हैं। आप भी वोट दे देंगी तो किस्मत चमक जाएगी। उन्होंने दो युवाओं को भी रोका और बोले, हम तुम्हारे दादा लगते हैं। बहुत गोद में खिलाया है, वोट जरूर देना। बकोठी मतदान केंद्र पर जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशी अश्विनी कटियार भी कुछ इसी अंदाज में मतदाताओं से वोट मांगते नजर आए। हालांकि अब तो मतपेटियों में सभी का भाग्य बंद हो गया है। मतदाता किसके सिर ताज बांधेंगे ये तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा।