घटा वाणिज्य कर संग्रह, अधिकारियों को आगे सुधार की उम्मीद
सितंबर २०२० के बाद पहली बार वाणिज्य कर संग्रह में कमी आई है। वैसे तो आठ जोन का कर संग्रह घटा कानपुर प्रथम पिछड़ा द्वितीय में ग्रोथ प्रदेश के १२ जोन में पिछले साल फरवरी की तुलना में टैक्स में इजाफा होने की बात कही जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल के बाद भी सितंबर २०२० से वाणिज्य कर संग्रह लगातार बढ़ता जा रहा था, लेकिन फरवरी २०२१ में फिर झटका लगा है। पिछले वर्ष की फरवरी के मुकाबले इस साल फरवरी में भी संग्रह कम हुआ है। फरवरी २०२० में प्रदेश में ३,५०५.०९ करोड़ रुपये का टैक्स इकट्ठा हुआ था, जबकि इस साल यह संग्रह ३,४६८.६० करोड़ रुपये का ही हुआ है। पूरे प्रदेश के २० जोन में से आठ जोन में राजस्व संग्रह पिछले साल से कम होने के कारण ये स्थिति बनी है।
लखनऊ द्वितीय जोन को तगड़ा झटका
कर संग्रह के मामले में लखनऊ के जोन दो को सबसे तगड़ा झटका लगा है। फरवरी २०२० की तुलना में इस वर्ष करीब ८० करोड़ रुपये का संग्रह कम हुआ है। पिछले वर्ष फरवरी में यहां का संग्रह ४०८.४३ करोड़ रुपये था। इस बार यह ३२७.९८ करोड़ है। फीसद के हिसाब से मुरादाबाद सबसे पीछे है। वह २७.११ फीसद पीछे रहा है।
तीन कंपनियों से बिगड़ा कानपुर का ग्राफ
कानपुर के जोन दो का संग्रह पिछले वर्ष से ज्यादा रहा, लेकिन जोन एक पीछे रह गया। इसमें कानपुर की एक सीमेंट फैक्ट्री की नई इकाई अलीगढ़ में खुलने से तीन करोड़ रुपये टैक्स कम हुआ है। प्रमुख बीमा कंपनी से भी करीब साढ़े चार करोड़ रुपये विभाग को कम मिले हैं। इसके साथ पुष्टाहार बनाने वाली उन्नाव की कंपनी का इस माह दो करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स कम हुआ है।
सही हो जाएंगी स्थितियां
वाणिज्य कर विभाग। के एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन जोन वन पीके सिंह का कहना है कि एक पंजीरी व एक सीमेंट फैक्ट्री ने कम टैक्स दिया है। सीमेंट फैक्ट्री की एक और यूनिट खुली है, जिससे उसका टैक्स कम आ रहा है। वहीं पंजीरी फैक्ट्री में काम लगभग खत्म हो गया है। इसका कुछ असर संग्रह पर पड़ा है। अगले माह से स्थितियां सही हो जाएंगी।