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उन्नाव में पुलिस टीम करेंगी घुसपैठियों की तलाश, 200 से अधिक फैक्ट्रियों में कार्यरत मजदूरों का हाेगा सत्यापन

Rohingya In UP 200 से अधिक छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों में हैं हजारों मजदूर व कर्मी। इन सभी का सत्यापन कराना पुलिस के लिए साबित होगा टेढ़ी-खीर। एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि पहले सभी उद्योग संचालकों से उनके यहां कार्यरत मजदूरों की सूची संबंधित दस्तावेजों के साथ मांगी जाएगी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 08:14 PM (IST)
उन्नाव में पुलिस टीम करेंगी घुसपैठियों की तलाश, 200 से अधिक फैक्ट्रियों में कार्यरत मजदूरों का हाेगा सत्यापन
उन्नाव में तलाशे जाएंगे घुसपैठिए, जिले में कार्यरत हैं 30 हजार मजदूर।

उन्नाव, जेएनएन। Rohingya In UP जिले की दर्जनों चर्म इकाइयों, उनसे जुड़ी सैकड़ों छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों व स्लाटर हाउसों में काम करने वाले मजदूरों और कर्मियों में घुसपैठियों की तलाश के लिए अब पुलिस टीमें निकलेंगी। अधिकारियों ने इसके लिए टीमें बनाकर जांच की तैयारी कर ली है। आशंका है कि अभी जिले की फैक्ट्रियों में हजारों की संख्या में रोहिंग्या या मानव तस्कर काम कर रहे हैं और आसपास रहते भी हैं।  

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खतरनाक सिद्ध हो सकती है घुसपैठियों की मौजूदगी 

लखनऊ से आए आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने शहर के मुहल्ला कासिम नगर से रोहिंग्या शाहिद को पकड़ा था। वह यहां करीब आठ साल से परिवार समेत रहकर विदेशी घुसपैठियों को लाकर उद्योगों और स्लाटर हाउसों में काम दिलवाता था। इसमें कई तो आपराधिक किस्म के भी हैं, जो अभी जिले में हैं। एटीएस ने पकड़े गए परिवार से पूछताछ की तो एक रोहिंग्या हाथ लगा और उसे भी दबोचा गया। घुसपैठियों को लाकर उनके फर्जी दस्तावेज बनवाकर जिले में काम कराने जैसी देश विरोधी गतिविधि में शामिल शख्स के पकड़े जाने के बाद से हलचल है। इतनी बड़ी संख्या में घुसपैठियों की मौजूदगी किसी भी समय खतरनाक साबित हो सकती है। इसे देखते हुए अब जिला पुलिस ने फैक्ट्रियों में कार्यरत मजदूरों, कर्मियों व सुपरवाइजरों का सत्यापन कराने की तैयारी कर ली है। 

यह भी पढ़ें: उन्नाव के स्लाटर हाउस में  ATS की छापेमारी, पूछताछ के सवाल पर प्रबंधन की चुप्पी खड़े कर रही सवाल

इनका ये है कहना

एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि पहले सभी उद्योग संचालकों से उनके यहां कार्यरत मजदूरों की सूची संबंधित दस्तावेजों के साथ मांगी जाएगी। इसके बाद औचक निरीक्षण करके सूची से इतर लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों से संंबंधित थाना और कोतवाली प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं। 

करीब 30 हजार है इनकी संख्या 

जिले में करीब 30 हजार बाहरी मजदूर काम कर रहे हैं। इनका सत्यापन पुलिस के लिए आसान नहीं होगा। इसमें लगाए जाने वाले पुलिस कर्मियों के लिए यह टेढ़ी खीर साबित होगा।  

मजदूरों को दिखा रहे बाहर का रास्ता 

एटीएस के हत्थे चढ़े रोहिंग्या शाहिद ने जिले के कई स्लाटर हाउसों के साथ ही बड़े चर्म उद्योगों में अपने श्रमिक लगा रखे हैं। उसके देश विरोधी गतिविधि में पकड़े जाने पर उसकी ओर से भेजे मजदूरों को उद्यमी गुपचुप बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं।


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