थप्पड़ मारने पर प्रेमी ने की थी किशोरी व उसके भतीजे की हत्या
चित्रकूट में किशोरी व उसके भतीजे की हत्या एकतरफा प्यार में फंसे युवक ने की थी। युवक ने किशोरी को रास्ते में रोंका तो किशोरी ने थप्पड़ मार दिया इस बात से आग बबूला युवक ने किशोरी व उसके भतीजे के हत्या कर दी।
चित्रकूट, जेएनएन। मानिकपुर के दोहरे हत्याकांड को अंजाम किशोरी के प्रेमी ने एकतरफा प्यार में दिया था। रास्ता रोकने पर किशोरी ने विरोध में युवक को थप्पड़ मारा था। गुस्साए युवक ने किशोरी व उसके भतीजे को कुल्हाड़ी मारकर मौत को घाट उतार दिया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर कुल्हाड़ी बरामद कर ली है। हालांकि किशोरी के पिता ने पुरानी रंजिश बताते हुए अपने विरोधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस कार्यालय में एसपी अंकित मित्तल ने दोहरे हत्याकांड का राजफाश करते हुए बताया कि 24 घंटे के अंदर घटना का अनावरण कर राकेश कोल पुत्र डब्बू निवासी बरहा कोलान मजरा निही थाना मानिकपुर को कुल्हाड़ी के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। कड़ी पूछताछ में उसने बताया कि किशोरी से प्यार करता था। घटना के दिन उसको अपने खेत की ओर से जंगल के रास्ते घर जाते देखा। बरगदा नदी के पास रास्ता रोककर बात करना चाहा तो वह बात नहीं करना चाहती थी। दबाव बनाने पर किशोरी ने युवक को एक थप्पड़ मार दिया। अपमानित महसूस करते हुए राकेश ने गुस्से में कुल्हाड़ी से उसकी गर्दन पर वार कर दिया। उसकी मृत्यु हो गई। चार साल का उसका भतीजा रोते हुए घर की ओर भागा। राज खुलने से डर से उसे भी पिछले से कुल्हाड़ी मार दी। फिर मौके से भाग गया।
यह थी घटना
मानिकपुर के कोडरिया पुरवा मजरा निही चिरैया में गुरुवार को रामराज कोल की 15 वर्षीय बेटी व चार वर्षीय नाती की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई थी। रामराज ने बताया था कि वह अपने खेत में पानी लगाए था। एक बजे बेटी व नाती खाना लेकर आए थे। खाना खाने के बाद करीब साढ़े तीन बजे बर्तन लेकर दोनों घर चले गए। शाम करीब पांच बजे इंजन बंद जब वह घर जा रहा था तो रास्ते में बर्तन पड़े थे शंका पर देखा को रास्ते के बगल में झाड़ी पर नाती चोटिल हालत में कराह रहा था। उसे उठाकर गुहार लगाई तो स्वजन व गांव के लोग आ गए। इलाज को ले जाते समय नाती की मौत हो गई। खोजबीन की तो थोड़ी दूर पर बेटी भी मृत पड़ी थी।विरोधी को खिलाफ लिखाई रिपोर्ट
रामराज ने गांव के चिल्हू पुत्र बब्बू कोल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उससे उनकी पुरानी दुश्मनी थी। चिल्हू को तत्काल हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और विवेचना में नामजदगी गलत पाई गई। राकेश कोल का नाम प्रकाश में आया।