वैक्सीनेशन पर प्राचार्य और सीएमओ में खिंची तलवार, डॉक्टरों व नर्सिंग स्टॉफ के नाम नहीं होने पर मचा हल्ला
कोविड ड्यूटी के डॉक्टरों व नर्सिंग स्टॉफ के नाम न होने पर प्राचार्य ने जताई आपत्ति। सीएमओ बोले- प्राचार्य ने 450 नाम की दी थी सूची 381 के नाम करा दिए थे अपलोड। इसके बाद भी वैक्सीनेशन 191 ने ही कराया।
कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में कोरोना वैक्सीनेशन बहुत कम होने पर प्राचार्य ने सारा ठीकरा सीएमओ पर फोड़ दिया है। इस वजह से प्राचार्य एवं सीएमओ के बीच तलवार खिंच गई है। प्राचार्य का आरोप है कि टीकाकरण की सूची में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों व लिपिकों के ही नाम हैं, जबकि कोविड में शिद्दत से ड्यूटी करने वाले डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ दरकिनार हैं, जो वैक्सीनेशन कम होने की मूल वजह है। इसकी शिकायत डीएम से करने के बाद शासन को भी पत्र लिखा है। वहीं, सीएमओ का कहना है कि प्राचार्य ने 450 हेल्थ वर्कर की सूची दी थी, उसमें से 381 नाम अपलोड करा दिए थे। इसके बाद भी वैक्सीनेशन 191 ने ही कराया। ऐसा लगता है मेडिकल कॉलेज में समन्वय का अभाव है, जिससे अपेक्षा अनुरूप वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है।
450 डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की सूची भेजी गई थी
जीएसवीएम के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल का कहना है कि वैक्सीनेशन के पहले दिन सूची में डॉक्टरों के नाम बहुत कम थे। अधिकतर नाम चतुर्थश्रेणी कर्मी, लिपिक व अन्य कर्मचारियों के थे। फैकल्टी, जूनियर रेजीडेंट एवं नर्सिंग स्टॉफ के नाम नहीं थे। इसको लेकर सीएमओ से आपत्ति जताई थी। चार दिन पहले 450 डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की सूची भेजी थी, फिर भी नाम नहीं जोड़ा। शुक्रवार सुबह जब अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीके मिश्रा आए तो उन्हें भी समस्या बताई। उन्होंने सीएमओ से बात की और दो बजे के बाद व्यवस्था करा टीकाकरण कराने का आश्वासन भी दिया। दो बजे के बाद कोविड एवं हृदय रोग संस्थान के 250 से अधिक डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ वहां आ गए। उन्हें लौटा दिया गया। इस पर प्राचार्य ने एडी हेल्थ व सीएमओ से बात की फिर भी कोई समाधान नहीं निकल सका। पहली सूची में मेरा नाम भी नहीं था, जिसे मैंने प्रयास कर जुड़वाया था।
इनका ये है कहना
- मेडिकल कॉलेज से 6500 की सूची मिली है। जिस हिसाब से नाम हैं, उसके अनुसार ही पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं। प्राचार्य ने डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टॉफ के नाम ऊपर करने का आग्रह किया था। इस पर उनसे सूची मांगी थी। उन्होंने 450 नाम दिए थे। उनमें से 381 अपलोड करा दिए थे, शेष नाम उनकी पुरानी सूची के हैं। प्राचार्य अपनी बात विभागों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप से कोई फायदा नहीं। - डॉ. अनिल मिश्रा, सीएमओ कानपुर
- हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाने किसी वजह से नहीं आ रहे। इसकी समीक्षा की जरूरत है। मेडिकल कॉलेज को 60-70 सेशन मिलेंगे। डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक करने की जरूरत है। अगर कोई तकनीकी समस्या है तो उसे मिलकर दूर करेंगे। - डॉ. जीके मिश्रा, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानपुर मंडल