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Kanpur में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट में माली को लगाया गया पहला टीका

कानपुर के हैलट अस्पताल में वैक्सीनेशन सेंटर पर सात टीकाकरण बूथ बनाए गए थे। कोविन एप काम नहीं करने पर मैनुअल सत्यापन कराया गया। इसके लिए पहले से सूची उपलब्ध कराने से किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।

By Rahul MishraEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 06:28 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 06:28 PM (IST)
Kanpur में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट में माली को लगाया गया पहला टीका
कानपुर के हैलट अस्पताल में मेडिकल स्टाफ को लगाया गया टीका। प्रतीकात्मक चित्र

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में पहला टीका शुक्रवार सुबह 10.35 बजे माली पद पर तैनात मो. बकरीदी को लगाया गया। टीका लगवाने के बाद उत्साहित बकरीदी ने कहा कि सुबह से ही तैयार हो कर आ गया था। मेरे लिए खुशी की बात है कि सबसे पहले वैक्सीन लगवाने का अवसर मिला। यहां के वैक्सीनेशन सेंटर पर सात टीकाकरण बूथ बनाए गए थे, जहां व्यवस्थीत ढंग से वैक्सीनेशन हो रहा था। कोविन एप काम न करने पर मैनुअल सत्यापन किया जा रहा था।

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उसके लिए पहले से सूची उपलब्ध करा दी गई थी। इसलिए किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। हेल्थ वर्कर और डॉक्टरों का उत्साहवर्धन करने के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो आरबी कमल, प्रमुख अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना और सीएमएस डॉ. शुभ्रांशु शुक्ला भी डटे रहे।

वहीं, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ जीके मिश्रा भी टीकाकरण अभियान का जायजा लेने पहुंचे। सभी का मनोबल भी बढ़ाया।

वैक्सीन लगाने की शुरुआत होने के बाद दूसरे बूथ पर मनोज कुमार को सुबह 10.38 बजे टीका लगा। यहां के तीसरे बूथ पर फार्मासिस्ट निरजा द्विवेदी और चौथे बूथ पर बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो यशवंत राव को 10.50 बजे व 10.51 बजे न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह को वैक्सीन लगाई गई। पांचवें बूथ पर सुबह 10.55 बजे डॉ वर्षा प्रसाद और छठे बूथ पर 11 बजे एक्सरे टेक्नीशियन अनिल कनौजिया और सातवें बूथ पर डॉ. दिव्या सक्सेना को वैक्सीन लगाई गई।

दिखा गजब का उत्साह

मेडिकल कॉलेज में पहले चरण में टीकाकरण अभियान में पिछड़ गया था। इस बार सुबह से ही यहां के सेंटर पर कर्मचारियों से लेकर फैकल्टी और जूनियर डॉक्टरों में जबरदस्त उत्साह दिखा। सभी स्वयं आगे आकर वैक्सीन लगवाने पहुंचे। कुछ कर्मचारी आकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।

चाक चौबंद व्यवस्था

वैक्सीनेशन सेंटर के नोडल अफसर डॉ सौरभ अग्रवाल ने सात बूथ होने के बाद भी बेहतर इंतजाम किए थे। ताकि किसी को कोई दिक्कत न होने पाए। सेंटर के भू-तल पर कोशिश वैक्सीनेशन की हेल्प डेस्क बनाई गई थी। वहां टीकाकरण से जुड़ी जानकारी देकर और आइडी चेक करने के बाद सूची से नाम मिलाकर उपर भेजा जा रहा था। वहां अलग-अलग बूथ की सूची के हिसाब से बारी से भेजकर वैक्सीन लगाने से पहले विस्तार से बताने के बाद वैक्सीन लगाई जा रही थी। फिर कार्ड बनाकर उसमें वैक्सीनेशन की अगली तारीख 19 फरवरी देकर आब्जर्वेशन कक्ष भेजा जा रहा था। वहां आने और आधा घंटा पूरा होने पर जाने का समय अंकित कर जाने की अनुमति प्रदान की जा रही थी। 


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