आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में घिरे पूर्व सीएमओ की बढेंगी मुश्किलें, संपत्ति का ब्योरा जुटाने में लगी टीम
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। बाद में डॉ. मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। मामले की जांच उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस शाखा) को सौंपी गई।
कानपुर, जेएनएन। विजिलेंस टीम ने आय के अधिक संपत्ति व भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पूर्व सीएमओ डॉ. अशोक मिश्रा की पूरी संपत्ति और आय के स्रोतों को खंगालना शुरू कर दिया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से भी जानकारी मांगी गई है। जल्द ही नोटिस भेजकर पूर्व सीएमओ को जानकारी देने के लिए बुलाया जाएगा और इन सूचनाओं से जुड़े जरूरी फॉर्म भरवाए जाएंगे। आरोप साबित होने पर मुकदमा दर्ज किए जाने की भी संस्तुति की जा सकती है। डॉ. अशोक मिश्रा अगस्त 2009 से अप्रैल 2011 तक कानपुर नगर जिले में बतौर मुख्य चिकित्सा अधिकारी तैनात थे। उसी समय सरकार के दबाव में उर्सला अस्पताल में आइसीयू एवं डायलिसिस यूनिट बनी थी। इसका कागजों पर कोई जिक्र ही नहीं था। यहां के बाद वह नोएडा चले गए थे। उसके बाद ही राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। शासन की ओर से इसकी जांच शुरू कराई गई। बाद में डॉ. मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। विभागीय जांच के बाद शासन की ओर से पिछले माह मामले की जांच उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस शाखा) को सौंपी गई। अब टीम ने आरोपित की संपत्ति का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है।
एनआरएचएम में भी भूमिका की होगी जांच
पूर्व सीएमओ की स्वास्थ्य महकमे में हुए एनआरएचएम घोटाले में क्या भूमिका थी। इसका भी पता लगाने के लिए टीम जल्द स्वास्थ्य विभाग का रुख करेगी। बता दें कि दिसंबर 2012 में सीबीआइ ने भी एनआरएचएम घोटाले की जांच शुरू की थी। तब सीएमओ के कार्यालय से तमाम रिकॉर्ड व दस्तावेज लिए गए थे।
इनका ये है कहना
पुराना मामला है। इसकी जानकारी भी नहीं है। इसकी जांच से जुड़ा कोई भी मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं आया है। - डॉ. जीके मिश्रा, अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानपुर मंडल।