निधि समर्पण अभियान के लिए पनकी और परमट मंदिर में लगेंगे शिविर
विहिप पदाधिकारियों के पहुंचने पर दोनों महंतों ने दिया आश्वासन आने वाले श्रद्धालुओं को किया जाएगा अवेयर।
जागरण संवाददाता, कानपुर : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान को रफ्तार देने के लिए पनकी स्थित हनुमान मंदिर और परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर में शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविर के जरिए श्रद्धालुओं को जागरूक किया जाएगा। यह आश्वासन बुधवार को दोनों मंदिरों के महंतों ने मुलाकात करने आए विश्व हिदू परिषद के पदाधिकारियों को दिया।
विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष राजीव महाना व श्रीराम मंदिर निधि समर्पण समिति के प्रांतीय अभियान प्रमुख दीनदयाल गौड़ ने निधि समर्पण के संबंध में कानपुर प्रांत के मार्गदर्शक मंडल के साथ साधु-संतों से मुलाकात की। पनकी हनुमान मंदिर के महंत जितेंद्र दास, आनंदेश्वर महादेव मंदिर परमट के महंत अरुण भारती से इस अभियान को और गति देने का अनुरोध किया गया। दोनों महंतों ने आश्वासन दिया कि पनकी और आनंदेश्वर मंदिर में शिविर लगाकर श्रद्धालुओं को निधि समर्पण अभियान से जोड़ा जाएगा।
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प्रभात फेरियां निकालीं
छावनी में निधि समर्पण अभियान के लिए जनजागरण चेतना प्रभात फेरी निकाली गई। रवि वर्मा, संत, मुकेश राजपूत, कालीचरन जायसवाल, कृष्ण शुक्ला, रामशंकर, अनूप रहे। दर्शनपुरवा, जरीब चौकी क्षेत्र में भी कार्यकर्ताओं ने प्रभात फेरी निकाली। संतोष, शंभू प्रसाद, अनुराग, धीरेंद्र, अनूप रहे।
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समर्पण राशि सौंपी
पार्वती बागला रोड निवासी उद्यमी राकेश अग्रवाल ने एक लाख 51 हजार रुपये और सुनील कुमार रस्तोगी ने भी एक लाख 51 हजार रुपये का चेक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक डॉ. श्याम बाबू गुप्ता को दिया। मलय गुप्ता, गौरव अग्रवाल रहे। शिक्षा समूह के निदेशक अभिषेक चतुर्वेदी ने एक लाख एक हजार रुपये तथा छविगृह के मालिक गुरुदेव सिंह ने 51 हजार रुपये का चेक सौंपा। प्रांत प्रचारक श्रीराम, प्रांत सह कार्यवाह भवानी भीख, सह प्रांत विशेष संपर्क प्रमुख संजीव पाठक रहे।
लाओ मेरा बटुआ, आ गई रामजी की टोली
कानपुर : अरे, मेरा बटुआ लाओ, मेरे रामजी की टोली आ गई है। बुधवार को 83 वर्षीय स्वामी नरेश आनंद से मिलने पहुंचे जिला प्रचार प्रमुख प्रवीण, नगर कार्यवाह मनीष उनकी बात सुनते ही हैरान रह गए। दोनों पदाधिकारी नौबस्ता में अर्रा क्षेत्र के सदात्म धाम अखंड वेदानंद आश्रम में स्वामी नरेश आनंद से मिलने पहुंचे। उन्होंने जैसे ही मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि की बात कही। इतना सुनते ही स्वामी नरेश आनंद ने तुरंत अपना बटुआ मंगाकर समर्पण निधि सौंपी। इसके साथ ही श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ी अपनी स्मृतियों को उनसे साझा किया।