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महोबा में दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा

थाना श्रीनगर के ग्राम सलारपुर निवासी पंचू अहिरवार की नातिन शौच के लिए जा रही थी। तभी गांव के विनोद व घंसूने उसके साथ गाली गलौज की। घटना की उलाहना देने पंचू विनोद के घर गया तो उससे स्वजन ने कहा कि उन्हें विनोद से कोई मतलब नहीं है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 08:20 PM (IST)
महोबा में दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा
महोबा में हुई घटना में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने का प्रतीकात्मक चित्र।

महोबा, जेएनएन। वर्ष 2014 में हुए जानलेवा हमले के मामले में न्यायालय ने दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले में मुकदमा दौरान एक अभियुक्त की मौत हो चुकी है, जबकि एक नाबालिग निकला।

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घटना से जुड़ा ये है पूरा मामला 

विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट प्रमोद कुमार पालीवाल ने बताया कि घटना 19 सितंबर 2014 की सुबह 9 बजे की है। थाना श्रीनगर के ग्राम सलारपुर निवासी पंचू अहिरवार की नातिन शौच के लिए जा रही थी। तभी रास्ते में गांव के ही विनोद बसोर व घंसू पाल ने उसके साथ गाली गलौज की। घटना की उलाहना देने पंचू विनोद के घर गया तो उससे स्वजन ने कहा कि उन्हें विनोद से कोई मतलब नहीं है। उसी दिन शाम पांच बजे पंचू, उसका पुत्र वीरेंद्र व नाती फिर उलाहना देने घर गए तो घंसू पाल बांका, रामप्रसाद पुत्र गण धनीराम व धनीराम कुल्हाड़ी लेकर आए और इन लोगों को घेर लिया। इसके  बाद वीरेंद्र व राहुल पर बांका व कुल्हाड़ी से हमला कर उन्हें मरणासन्न कर दिया। पंचू द्वारा दोनों घायलों को जिला अस्पताल लाया गया। यहां से वीरेंद्र को ग्वालियर रेफर किया गया। कुछ हालत ठीक होने पर 25 सितंबर को पंचू ने विनोद सहित चारों आरोपितों पर जानलेवा हमला सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। विवेचक ने केवल घंसू के विरुद्ध ही आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। लेकिन लोगों की गवाही के बाद बाद में अन्य तीन लोगों को तलब किया गया। धनीराम की दौरान मुकदमा ही मौत हो गई, जबकि विनोद नाबालिग निकला। घंसू पाल 2014 से ही जेल में है और रामप्रसाद को सजा की सुनवाई के लिए कस्टडी में लिया गया। 

न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय ने सुनाया फैसला 

सुनवाई के बाद न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय संतोष कुमार मौर्य   ने अपना फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट प्रमोद कुमार पालीवाल ने बताया कि  दोनों सगे भाईयों घंसू पाल व रामप्रसाद को आजीवन कारावास व दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माने की अदायगी न होने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगताना होगा। 


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