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Kanpur Bird Flu News : राष्ट्रीय पक्षी और बाज समेत आठ और परिंदों की मौत, छह दिन में संख्या हुई 90

कानपुर जू में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने के बाद पक्षियों की लगातार मौत हो रही है। अबतक विभिन्न स्थानों पर कौआ व कबूतर समेत करीब 90 पक्षी मर चुके हैं। 18 मुर्गों की सैंपलिंग कराई गई है और मंडलायुक्त ने दवा वितरण के दिए निर्देश हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 07:54 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 07:54 AM (IST)
Kanpur Bird Flu News : राष्ट्रीय पक्षी और बाज समेत आठ और परिंदों की मौत, छह दिन में संख्या हुई 90
कानपुर शहर में बर्ड फ्लू का खतरा बरकरार है।

कानपुर, जेएनएन। चिडिय़ाघर में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद से शहर में पङ्क्षरदों के मरने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को राष्ट्रीय पक्षी मोर समेत आठ पङ्क्षरदों ने दम तोड़ दिया। इसमें मोर के अलावा एक बाज व छह कौए शामिल थे। मोर ककवन जबकि बाज चुन्नीगंज में मृत मिला। इसके अलावा दर्शनपुरवा, बर्रा-दो, काकादेव, पीडब्ल्यूडी चुन्नीगंज व सिविल लायंस में कौओं की मौत हुई है। पशुपालन विभाग ने सभी के सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब भेजे हैं। परेड के मुर्गा बाजार में 18 मुर्गों की सैंपलिंग की गई। अब तक कानपुर में 90 पक्षियों की मौत हो चुकी है।

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बर्ड फ्लू से बचाव के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने चिडिय़ाघर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। बैठक में उन्होंने कहा कि नौ जनवरी को चिडिय़ाघर में बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आया था जबकि नौ व 10 जनवरी को नौ और पक्षियों की मौत हो गई। उसके बाद चिडिय़ाघर परिसर में किसी भी पक्षी की मौत नहीं हुई। आगे भी सावधानी बरती जाए।

मंडलायुक्त ने पशुपालन विभाग अधिकारियों से पक्षियों व स्वास्थ्य विभाग से चिडिय़ाघर कर्मियों को दवा मुहैया कराने के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डॉ. एसपी वर्मा व डिप्टी सीएमओ से उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू से बचाव की टीम में शामिल सभी कर्मचारियों के लिएस्वास्थ्य जांच व प्रोटोकॉल जागरूकता शिविर कराएं। उन्होंने पशुपालन विभाग को प्रभावी जांच के लिए हर एंट्री प्वाइंट पर पुलिस के साथ विभागीय कर्मचारियों की नियुक्ति के निर्देश भी दिए।

बैठक में चिडिय़ाघर के निदेशक सुनील चौधरी ने कहा कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण (सीजेडए) व पशुपालन विभाग के निर्देशों के अनुसार कदम उठाए जा रहे हैं। चिडिय़ाघर को छह सेक्टर में बांटकर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक निरीक्षण किया जा रहा है। पक्षियों को दाना-पानी देने, उनके नमूने लेने व उनके सीधे संपर्क में आने वाले कर्मचारी बिना पीपीई किट व मास्क के पक्षीघर व पक्षीलोक में नहीं जा रहे हैं। आइसोलेशन क्षेत्र में पक्षियों के रहने की अलग व्यवस्था भी की गई है। पक्षियों के मलमूत्र व पानी के नमूने नियमानुसार जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। बैठक में सीडीओ महेंद्र कुमार, एडीएम सिटी अतुल कुमार, चिडिय़ाघर के सहायक निदेशक अरङ्क्षवद कुमार सिंह व वरिष्ठ पशुु चिकित्सक डॉ.आरके सिंह मौजूद रहे।

बैठक में खास बातें

-चिडिय़ाघर के एक किमी दायरे व नौ किमी के क्षेत्र तक ऑब्जर्वेशन जोन की निगरानी जिला प्रशासन व पशुपालन टीम कर रही है।

-अब तक मुर्गों व अन्य पक्षियों के 340 से अधिक नमूने एकत्र करके परीक्षण के लिए भेजे गए। तीन से चार दिन में रिपोर्ट मिलेगी।

-पक्षियों के मलमूत्र व पानी के नमूने 15 दिन में एक बार परीक्षण के लिए एकत्र किए जा रहे हैैं।


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