Move to Jagran APP

SBI के 10 रुपये वाले शेयर रखें हैं तो तुरंत बदलवा लें, अन्यथा फंस सकती है रकम

एसबीआइ ने कहा कि जिन्होंने शेयर क्लेम नहीं किए हैं उन शेयर को सस्पेंड खाते में देना पड़ेगा। इसलिए जिनके पास भी 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयर हैं और जो अभी तक एक रुपये के शेयर नहीं पा सके हैं वे बैंक के एजेंट से संपर्क करें।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 05:55 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 12:06 AM (IST)
SBI के 10 रुपये वाले शेयर रखें हैं तो तुरंत बदलवा लें, अन्यथा फंस सकती है रकम
एसबीआइ ने अपने शेयरधारकों से कहा कि 10 रुपये वाले शेयर हैं तो उन्हें तुरंत बदलवा लें।

कानपुर [राजीव सक्सेना]। भारतीय स्टेट बैैंक (एसबीआइ) ने अपने शेयरधारकों से कहा है कि अगर उनके पास स्टेट बैंक के 10 रुपये वाले शेयर हैं तो उन्हें तुरंत बदलवा लें। ऐसा न करने से उनकी रकम फंस सकती है। इसके बाद उसे दोबारा पाना आसान नहीं होगा।

loksabha election banner

दरअसल, भारतीय स्टेट बैैंक ने 22 नवंबर 2014 को अपने 10 रुपये के शेयर को एक-एक रुपये के 10 शेयर में बदल दिया था। अधिकांश शेयरधारकों को नए शेयर प्रमाणपत्र मिल गए लेकिन बड़ी संख्या में शेयरधारकों को ये प्रमाणपत्र नहीं मिल पाए। इसके पीछे स्टेट बैंक का कहना है कि बहुत से प्रमाणपत्र इसलिए वापस आ गए क्योंकि शेयरधारक का पता बदल चुका था। किसी का पता गलत था तो किसी का पता अधूरा था।

शेयरधारक को अपना पता, मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी शेयर जारी करने वाली कंपनी में पंजीकृत करानी होती है और जरूरत पड़ने पर इन्हें बदलवाना पड़ता है ताकि कंपनी सूचनाएं भेज सके। बैंक के मुताबिक पंजीकृत मोबाइल नंबर और ई-मेल पर भी संदेश भेजे पर कोई जवाब नहीं आया। इसके चलते अब भी काफी शेयरधारकों को एक रुपये वाले शेयर प्रमाणपत्र नहीं मिले हैं।

भारतीय स्टेट बैैंक ने शेयरधारकों से कहा कि जिन्होंने शेयर क्लेम नहीं किए हैं, उन शेयर को सस्पेंड खाते में देना पड़ेगा। इसलिए जिनके पास भी 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयर हैं और जो अभी तक एक रुपये के शेयर नहीं पा सके हैं, वे बैंक के रजिस्ट्रार एंड शेयर ट्रांसफर एजेंट से संपर्क करें। बैंक ने इन शेयरधारकों से बेसिक इनफार्मेशन फार्म, केवाइसी में आइडेंटिटी का प्रूफ, पता व फोटो देने के लिए कहा है। साथ ही पैनकार्ड की फोटोकापी और 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले शेयर प्रमाणपत्र मांगे हैं।

कंपनी सचिव संस्थान, कानपुर चैप्टर के चेयरमैन मनोज यादव का कहना है कि शेयर की फेस वैल्यू बदलने के सात वर्ष के अंदर नए शेयर क्लेम कर लेने चाहिए। ऐसा नहीं करने पर उसका धन इनवेस्टर एजुकेशन प्रोटेक्शन फंड में चला जाता है। कंपनी सचिव संस्थान, कानपुर चैप्टर के पूर्व चेयरमैन गोपेश साहू ने बताया कि इस वर्ष बैंक को शेयर की फेस वैल्यू बदले सात साल हो जाएंगे। इसके बाद इन शेयर का धन वापस लेना बहुत मुश्किल होगा क्योंकि वह बैंक के पास नहीं होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.