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घाटमपुर में फॉरेंसिक टीम की सतर्कता से पकड़े गए थे बच्ची का कलेजा खाने वाले

संतान प्राप्ति के लिए छह साल की बच्ची का कलेजा खाने का मामला। हाथ और ङ्क्षलग के स्वैब टेस्ट से हुआ था वारदात का पर्दाफाश। साबुन व पानी से खूब धोने के बावजूद मिल गए थे खून के सबूत।

By ShaswatgEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 08:01 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 08:01 PM (IST)
घाटमपुर में फॉरेंसिक टीम की सतर्कता से पकड़े गए थे बच्ची का कलेजा खाने वाले
बच्ची के शरीर पर कपड़े नहीं थे और पेट फटा हुआ था।

कानपुर, जेएनएन। संतान प्राप्ति के लिए छह साल की बच्ची की हत्या करके उसका कलेजा खाने वाले दंपती को अंदाजा भी नहीं था कि वह पकड़े भी जाएंगे। वह तो पुलिस और फोरेंसिक टीम का संयुक्त प्रयास था, जिसके चलते न केवल केस का खुलासा हुआ, बल्कि यह भी साबित हो गया कि बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी हुआ था। 

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दीपावली की अगली सुबह मिली था बच्ची का शव 

दीपावली वाले दिन घाटमपुर के एक गांव में छह साल की बच्ची लापता हो गई थी और अगली सुबह उसका शव बड़ी बुरी स्थिति में मिला था। बच्ची के शरीर पर कपड़े नहीं थे और पेट फटा हुआ था। अंदर के सभी बंग गायब थे। बाद में पुलिस ने गांव के ही  परशुराम और उसकी पत्नी सुनैना के साथ ही भतेजी अंकुल व वीरन को गिरफ्तार किया था। यह पूरी तरह से ब्लाइंड मर्डर केस था औार जिसका खुलासा पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी। 

ऐसे पकड़े गए आरोपित 

पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि बच्ची आखिरी बार अंकुल और वीरन के साथ देखी गई थी। दोनों उसे चाकलेट का लालच देकर गांव के ही एक दुकान पर ले गए थे। इनके साथ एक 70 साल के वृद्ध को भी हिरासत में लिया गया था। पुलिस के बाद अब आगे का काम फोरेंसिक टीम का था। शव का परीक्षण करने पर फोरेंसिक टीम ने अंदाजा लगाया कि बच्ची के शव को किसी जानवर ने खाया है, लेकिन यह भी साफ हो गया कि उसे साथ दुष्कर्म भी हुआ है। अंकुल व वीरन दोनों पूरी तरह से आश्वस्त थे कि पुलिस उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं जुटा सकती। फोरेंसिक टीम ने जब दोनों के हाथों का बेंजाडीन टेस्ट किया तो उसमें मानव रक्त की मौजूदगी का पता चल गया। यही नहीं जब दोनों के ङ्क्षलग का बेंजीडीन टेस्ट हुआ तो उसमें भी मानव रक्त मिला। इससे यह साबित हो गया कि इन्होंने ही दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या कर दी। टेस्ट का रिजल्ट देखकर दोनों टूट गए और सच्चाई पुलिस के सामने रख दी। बाद में परशुराम औार उसकी पत्नी के हाथों में भी मानव रक्त की मौजूदगी की पुष्टि बेंजाडीन टेस्ट में हुई। 

इनका ये है कहना 

फोरेंसिक टीम ने घटना के अनावरण में अच्छा काम किया है। इसके लिए उन्हें पुरष्कृत भी किया जाएगा।  - बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एसपी 


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