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जीएसवीएम के इंडोक्रायनोलॉजिस्ट का इस्तीफा मंजूर, हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर मिला न्याय

चिकित्सक को मिलेगा 11 का बकाया वेतन। इस बीच उन्हें किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया। कई बार उन्होंने रिमांडर भी दिए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट के आदेश के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग में खलबली मच गई थी। डॉ. शिवेंद्र वर्मा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया।

By ShaswatgEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 08:52 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 08:52 PM (IST)
जीएसवीएम के इंडोक्रायनोलॉजिस्ट का इस्तीफा मंजूर, हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर मिला न्याय
भुगतान न होने की लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय करने की कवायद भी शुरू है।

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के इंडोक्रायनोलॉजिस्ट का इस्तीफा हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शासन ने मंजूर कर लिया है। बिना वेतन 11 माह तक कार्य करने का भुगतान करने का भी आदेश हो गया है। कोर्ट के आदेश के बाद शासन में खलबली मच गई है। चिकित्सक को एनओसी न देने और 11 माह तक भुगतान न होने की लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय करने की कवायद भी शुरू है। 

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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में तैनात एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवेंद्र वर्मा का चयन क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर में सुपर स्पेशियलिटी कोर्ट डीएम इन इंडोक्रायनोलॉजी में वर्ष 2016 में हुआ था। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से शासन से अनुमति मांगी थी। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने सहमति जताते हुए शासन को पत्र भेजा था। तीन बार रिमांडर देने के बाद डॉ. वर्मा कोर्स करने के लिए चले गए। सुपर स्पेशियलिटी कोर्स पूरा करने के बाद वर्ष 2019 में अपने विभाग में ज्वाइन कर लिया। वह 11 माह तक बिना वेतन के कार्य करते रहे। इस बीच उन्हें किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया। कई बार उन्होंने रिमांडर भी दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 

एम्स भोपाल में चयन, नहीं दे रहे थे एनआेसी

डॉ. वर्मा काे 11 माह से वेतन नहीं मिला तो उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स भोपाल) में आवेदन किया था। वहां उनका चयन हो गया, लेकिन शासन से उन्हें अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं मिल रही थी। इस पर डॉ. वर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी। इस पर हाईकोर्ट ने एनअोसी देने का आदेश जारी किया था। इस मामले में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को कोर्ट ने तलब किया था। 

कोर्ट के आदेश पर खलबली

कोर्ट के आदेश के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग में खलबली मच गई थी। आनन फानन डॉ. शिवेंद्र वर्मा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। उन्हें एनआेसी देने का आदेश हो गया। साथ ही उन्हें 11 माह के वेतन भुगतान का आदेश दिया गया है। 

 इनका ये है कहना

 शासन ने डॉ. शिवेंद्र वर्मा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्हें बकाया वेतन का भुगतान करने का आदेश भी दिया है। लंबे समय बाद कॉलेज को एकमात्र इंडोक्रायनोलॉजिस्ट मिला था, वह भी चला गया। - डॉ. रिचा गिरि, उप प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।


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