चार साल पिछड़ा गंगाघाट-कैंट आरओबी, लागत बढ़ी
नंबर गेम 30 लाख रुपये से होना था आरओबी का निर्माण 44 लाख रुपये लागत हो गई देरी की
जागरण संवाददाता, कानपुर: सरकारी विभागों के आपसी समन्वय की कमी का खामियाजा जनता भुगत रही है। कैंट बोर्ड का एक मकान हटाने, बिजली व सीवर लाइन शिफ्टिंग के काम में समय लगने से कैंट बोर्ड और सेतु निगम के बीच गंगाघाट रेलवे ओवरब्रिज ऐसा फंसा कि अब तक महज 70 फीसद काम ही हो पाया है। इसे दिसंबर 2016 तक पूरा होना था।
ये है समस्या
झाड़ी बाबा रोड से कैंट आने-जाने वालों को रेलवे क्रासिग बंद होने पर जाम से जूझना पड़ता है। इससे निजात पाने के लिए मार्च 2014 में काम शुरू हुआ था। काम में देरी होने से इसकी लागत भी बढ़ गई है।
धूल के गुबार बन रहे परेशानी
पुल निर्माण कार्य के दौरान शुक्लागंज से कैंट की तरफ आने वाली सड़क टूट चुकी है। पिलर की खोदाई कर निकाली गई मिट्टी से धूल के गुबार उड़ते हैं। इससे राहगीर और आसपास के दुकानदारों को परेशानी होती है। पुल के काम में बाधा बन रही लाइनों की शिफ्टिंग समेत अन्य कामों में समय लग गया था। बजट समय से न मिलना भी देरी की मुख्य वजह है। काम चल रहा है। मार्च तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
-राकेश सिंह, महाप्रबधंक, सेतु निगम नंबर गेम:
30 लाख रुपये से होना था आरओबी का निर्माण
44 लाख रुपये लागत हो गई देरी की वजह से
2014 मार्च में शुरू हुआ था पुल का काम
2016 दिसंबर में पूरा हो जाना था निर्माण
70 फीसद ही काम हो सका है अब तक यहां
708 मीटर प्रस्तावित है आरओबी की लंबाई
7.5 मीटर चौड़ा बनाया जाना है यह पुल