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बिकरू कांड में पुलिस ने दाखिल की 2056 पन्नों की चार्जशीट, 36 आरोपियों के नाम तय

79 पन्नों में आरोप पत्र बाकी 1977 पन्नों में केस डायरी व साक्ष्य संकलन पुलिस ने 36 आरोपितों के आरोप किए तय 17 धाराओं में चलेगा मुकदमा एसपी ग्रामीण ने बताया कि 44 लोगों के नाम प्रकाश में प्रकाश में आए जिसमें से छह एनकाउंटर में मारे गए

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 11:11 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 11:11 PM (IST)
बिकरू कांड में पुलिस ने दाखिल की 2056 पन्नों की चार्जशीट, 36 आरोपियों के नाम तय
बिकरू कांड के बाद क्षेत्र में लगाए गए संदिग्ध अभियुक्तों का पोस्टर

कानपुर, जेएनएन। देश भर को हिला देने वाले बिकरू कांड में पुलिस की टीम पर जबरदस्त गोलीबारी हुई थी। वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दुबे ने अपने गुर्गों से सैंकड़ों खाली खोखे बिनवा लिए थे, ताकि बेशुमार गोलीबारी की घटना को कमतर दिखाया जा सके। यह बात सामने आई है पुलिस की चार्जशीट में। पुलिस ने 36 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट (आरोप पत्र) गुरुवार को माती की अदालत में दाखिल कर दी। 2056 पन्नों की चार्जशीट में मुख्य आरोप पत्र के 79 पन्ने हैं, जबकि शेष केस डायरी व साक्ष्य संकलन के हैं। पुलिस ने इस मामले में 36 लोगों को आरोपित बनाया है, जबकि दो अभियुक्त फरार है, जिनके खिलाफ गिरफ्तारी के बाद आरोप पत्र दायर होगा।

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों ने बताया है कि गोलीबारी में सैंकड़ों कारतूसों का प्रयोग हुआ था, जबकि पुलिस को मौके से लगभग छह दर्जन कारतूस व खोली खोखे बरामद हुए थे। आरोपितों ने बताया कि पहले छतों से गोलीबारी हुई और जब पुलिस कर्मी घायल हो गए और अन्य मैदान छोड़ गए तो विकास दुबे ने अपने गुर्गों से कारतूस बीनने को कहा। इसके पीछे यह उद्देश्य था कि वह नहीं चाहता था कि पुलिस को पता लगे की उन लोगों ने कितनी गोलियां चलाई।

मनु पर नहीं हुआ फैसला

चार्जशीट में पुलिस ने शशिकांत पांडेय की पत्नी मनु पांडेय को आरोपित नहीं बनाया है। हालांकि एसपी ग्रामीण का कहना है कि उसे क्लीनचिट नहीं दी गई है, बल्कि वह जांच के दायरे में है। मनु के कई ऑडियो वायरल हुए थे। पुलिस ने छह वायरल ऑडियो को चार्जशीट में शामिल किया है, लेकिन कोई वीडियो शामिल नहीं किया।

पूर्व एसओ और पूर्व हलका प्रभारी को माना दोषी

चार्जशीट में पूर्व एसओ विनय तिवारी और पूर्व हलका प्रभारी केके शर्मा को दबिश की सूचना लीक करने का दोषी माना गया है। साक्ष्य के के लिए दोनों के मोबाइल सीडीआर के साथ-साथ वायरल ऑडियो को भी आधार बनाया गया है।  

इनका ये है कहना

पूरे घटनाक्रम में 44 लोगों के नाम प्रकाश में प्रकाश में आए, जिसमें से छह एनकाउंटर में मारे गए, जबकि पूछताछ के बाद प्रकाश में आए एनकाउंटर में मारे गए अतुल दुबे का बेटा वितुल दुबे व उमाशंकर अभी भी फरार हैं। इन्हें छोड़कर 36 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किया गया। - बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एसपी ग्रामीण 


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