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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या से कानपुर लाई गई थी राम ज्योति, पुलिस को चकमा देकर मंदिर से ले गई थीं महिलाएं

राम मंदिर आंदोलन के समय मौनी घाट हनुमान मंदिर में राम ज्योति रखी गई थी जहां पर पुलिस ने सख्त पहरा लगा रखा था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 02:31 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 03:38 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या से कानपुर लाई गई थी राम ज्योति, पुलिस को चकमा देकर मंदिर से ले गई थीं महिलाएं
Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या से कानपुर लाई गई थी राम ज्योति, पुलिस को चकमा देकर मंदिर से ले गई थीं महिलाएं

कानपुर, जेएनएन। राम मंदिर आंदोलन में भाग लेने में सिर्फ पुरुष ही नहीं, कई बार महिलाएं भी वह कर गईं, जो इतिहास में तारीख बन चुकी हैं। 1990 में अयोध्या से कानपुर लाई गई राम ज्योति से दीपावली में घर-घर के दीप जलाने की योजना थी। आजाद नगर में मौनी घाट स्थित हनुमान मंदिर में छिपा कर रखी राम ज्योति को महिला श्रद्धालुओं ने पानी की बाल्टी में रखकर पुलिस को चकमा देकर निकाला था। पुलिस ने मंदिर का घेराव किया था, लेकिन पूरे शहर में ज्योति बांटी गई।

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मंदिर के पास जाने से कतरा रहे थे पुरुष कार्यकर्ता

जानकार बताते हैं, अयोध्या से लाकर राम ज्योति को मंदिर में रखने पर अगले दिन सुबह ही पुलिस को पता चल गया था। ज्योति लेने आने वालों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने मंदिर के आसपास घेरा बना लिया था। इसलिए कोई कार्यकर्ता वहां जाने से कतरा रहा था।

पानी की बाल्टी में ज्योति निकालकर लाईं तीन महिलाएं

तत्कालीन संभाग संघ चालक ज्ञान चंद्र अग्रवाल ने अपने बड़े बेटे की पत्नी सरस्वती और छोटे बेटे की पत्नी सुधा को तैयार किया। पुलिस महिलाओं को पूजा करने से नहीं रोक रही थी, इसलिए उन्हें बताया गया कि मंदिर के अंदर रखी ज्योति उसी बाल्टी में लेकर आ जाएं, जिसमें जल चढ़ाने के लिए ले जा रही हैं। साथ में अधिवक्ता विजय नारायण सिंह सेंगर की पत्नी भी थीं।

सरस्वती अग्रवाल के मुताबिक, सुधा सबसे छोटी होने के कारण सहमी थी। तीनों ने कार से मंदिर पहुंचकर पूजन किया। इसी बीच ज्योति उठाकर बाल्टी में रख ली। सामान्य तरीके से पूजा करने के बाद निकल आए। पुलिस को भनक तक नहीं लग सकी कि राम ज्योति मंदिर से बाहर जा चुकी है।

रात में कार से बांटते थे राम ज्योति

बजरंग दल के प्रकाश शर्मा के मुताबिक, वह राम ज्योति की जिम्मेदारी देख रहे थे। राम ज्योति को मंदिर से निकालकर सीधे अधिवक्ता विजय नारायण सिंह सेंगर के घर लाया गया। वहीं पत्रकार वार्ता के दौरान पुलिस पहुंची पर राम ज्योति को फिर छिपाकर रख दिया गया।

पुलिस ने पहरा कड़ा कर दिया, लेकिन उस राम ज्योति से सेक्टर के हिसाब से और ज्योति तैयार कराई गईं। इसके बाद रात में डेढ़-दो बजे राम ज्योति लेकर एक कार में निकलते थे। इसमें राम ज्योति यात्रा के प्रभारी जगतवीर सिंह द्रोण और विभाग संगठन मंत्री अशोक तिवारी भी साथ रहते थे।


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