Vikas Dubey News: एसआइटी खंगाल रही पूर्व में विकास के मददगार रहे अफसरों का ब्योरा
बिकरू कांड में एसआइटी को अफसरों के बयान दर्ज करके विकास दुबे और उससे संबंधित लोगों के बारे में जानकारी ली।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू में सीओ समेत आठ पुलिस वालों की हत्या और उसके बाद हुए घटनाक्रम की जांच के लिए गठित एसआइटी गुरुवार को एक बार फिर कानपुर पहुंची। इस बार एसआइटी की टीम कहीं गई नहीं बल्कि पूरे दिन सर्किट हाउस में उन अफसरों के बयान दर्ज कराए जो घटना के समय या बाद में इस जांच से जुड़े हैं।
एसआइटी के अध्यक्ष वरिष्ठ आइएएस संजय भूस रेड्डी, एडीजी हरिराम शर्मा और डीआइजी जे रवींद्र गौड़ की टीम सुबह दोपहर करीब 12 बजे सर्किट हाउस पहुंची। यहां पर पहले से ही डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह सहित तमाम प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद थे। सबसे पहले उन्होंने डीएम व एसएसपी के साथ बैठक की। इसके बाद बिकरू कांड की जांच से जुड़े अफसरों से पूछताछ की। एसआइटी की टीम करीब पांच घंटे तक सर्किट हाउस में रुकी और इस दौरान तमाम दस्तावेजों का गहन निरीक्षण भी किया।
यूं चली कार्यवाही
- वारदात में शामिल अभियुक्तों के अलावा विकास दुबे के मददगारों के शस्त्र लाइसेंस का ब्योरा लिया।
- यह भी पूछा कि कितने ऐसे लाइसेंस धारक हैं, जिन पर मुकदमा दर्ज है। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी शस्त्र लाइसेंस नवीनीकरण कैसे हुआ। उन अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम मांगे जो इसके जिम्मेदार हैं।
- टीम ने विकास दुबे से जुड़े हर व्यक्ति के जमीन से संबंधित दस्तावेज मांगे। पूछा कि क्या इनमें से किसी ने निजी या सरकारी जमीन पर कब्जा तो नहीं किया है।
- विकास और साथियों का पूरा आपराधिक रिकार्ड देकर बताएं कि अभियुक्तों व मददगारों के खिलाफ कितने मुकदमे हैं। कितनों पर गैंगस्टर व गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है।
- विकास प्राधिकरण या नगर निगम में विकास के लोग ठेकेदारी तो नहीं कर रहे हैं। अगर कर रहे हैं तो उनका ब्योरा दें।
- विकास दुबे और उसके साथियों के खिलाफ पूर्व में आई शिकायतें और उनके निस्तारण कैसे किया गया, इसकी जानकारी दें।
- विकास दुबे पैरोल पर कैसे छूटा और किसने संस्तुति की थी।
खुफिया नाकामी की भी पड़ताल
एसआइटी के सदस्यों ने स्थानीय खुफिया विभाग के अधिकारियों को भी तलब किया गया था। उनके भी बयान दर्ज कर पूछताछ की गई। उनसे पूछा गया कि इतने दुर्दांत अपराधी के बारे में उन्होंने कभी अधिकारियों को सूचना दी थी। अगर नहीं दी तो क्यों और दी तो उस पर क्या कार्रवाई हुई। हालांकि सूत्रों के मुताबिक एलआइयू ने स्वीकार किया है कि विकास को लेकर कोई पूर्व सूचना अधिकारियों को नहीं दी गई। यह इकाई एसएसपी के आदेश पर कुछ खास टारगेट पर ही काम करती है। विकास के बारे में कभी अधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी ही नहीं।
नहीं मिल रही असलहा लाइसेंस की फाइलें
विकास दुबे और उसके सहयोगियों से जुड़े शस्त्र लाइसेंस की कुछ फाइलें असलहा अनुभाग में नहीं मिल रही हैं। फाइलों की तलाश जारी है। इन फाइलों की जांच एसआइटी को करनी है।