Don't Touch Me बोलती है ये सैनिटाइजिंग मशीन, 36 किलो है इसका वजन
कानपुर में बनी सैनिटाइजिंग मशीन लखनऊ ललितपुर झांसी के नगर निगम में लगाई गई हैं।
कानपुर, [विक्सन सिक्रोडिय़ा]। मॉल या किसी अन्य वाणिज्यिक स्थल पर लगी सैनिटाइजिंग मशीन को अगर हाथ से आपने छुआ तो वह डोंट टच मी का शोर मचा देगी। शहर के उद्यमी अशोक ङ्क्षसह ने पैर से चलने वाली सैनिटाइजिंग मशीन का आधुनिकीकरण कर सेंसर, बैटरी, माइक्रो चिप और स्पीकर लगाए हैं। आवाज के साथ ही इसमें एलईडी लाइट भी जलेगी-बुझेगी।
मॉल, सिनेमाघर और अस्पताल में उपयोगी
उन्होंने बताया कि 36 किलो वजन वाली इस मशीन के हिलने-डुलने या गिरने की आशंका बिल्कुल नहीं रहती है। इसे मॉल, सिनेमाघर, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सरकारी दफ्तर व कोर्ट जैसे उन स्थानों पर लगाया जा सकता है, जहां सैकड़ों लोगों का आना-जाना रहता है। इसमें एक बड़ा फायदा ये भी है कि जंगरोधी होने से खुले में रखने पर भी बारिश या धूप इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।
कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए बनाई मशीन
कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए बनाई गई 50 मशीनें लखनऊ, झांसी, ललितपुर जलनिगम के अलावा नगर निगम कानपुर में लगाई गई हैं। जिस तरह पानी की एक-एक बूंद कीमती है उसी प्रकार यह किफायत के साथ सैनिटाइजर निकालती है जिससे संक्रमण से सुरक्षा के साथ कोरोना वायरस के इस जीवन रक्षक की बर्बादी भी इससे रोकी जा सकती है।
उद्यमी अशोक सिंह ने बताया कि इसमें आधा लीटर से लेकर दो लीटर तक सैनिटाइजर की बोलल लगाई जा सकती है। इसे माइल्ड स्टील से बनाया गया है। उसके ऊपर हॉटडिप डलबनाइज धातु की लेयर लगाई गई है जिससे इस पर बारिश का असर नहीं होता है। इसके अलावा अधिक तापमान को भी यह आसानी से बर्दाश्त कर सकता है।
रोजाना 50 सैनिटाइजिंग मशीनों का हो रहा उत्पादन
पैरों से चलने वाली इन 50 सैनिटाइजिंग मशीनों का उत्पादन रोजाना किया जा रहा है। इसकी कीमत 5650 रूपये रखी गई है। जरूरत पडऩे पर मशीन का उत्पादन बढ़ाए जाने की योजना है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह पूरी तरह मेक इन इंडिया है। इसमें कोई भी पुर्जा विदेशी नहीं है।