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Vikas Dubey News: अमर दुबे एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू, एफसीएल टीम ने दोहराया मुठभेड़ का सीन

मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ की पांच सदस्यीय टीम ने हमीरपुर में मुठभेड़ स्थल पर बरीकी से जांच की।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 09:49 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 09:49 AM (IST)
Vikas Dubey News: अमर दुबे एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू, एफसीएल टीम ने दोहराया मुठभेड़ का सीन
Vikas Dubey News: अमर दुबे एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू, एफसीएल टीम ने दोहराया मुठभेड़ का सीन

हमीरपुर, जेएनएन। मुठभेड़ में मारे गए मोस्टवांटेड विकास दुबे के साथी अमर दुबे के एनकाउंटर मामले की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गई है। अपर जिलाधिकारी ने साक्ष्य जुटाने के लिए आम लोगों से मदद मांगी है, 15 दिन में वह रिपोर्ट जिलाधिकारी को देंगे। वहीं विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफसीएल) लखनऊ से आई टीम ने मुठभेड़ स्थल पर जांच की है और एनकाउंटर सीन दोहराया।

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कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मामले में आरोपित अमर दुबे को बीती आठ जुलाई को मौदहा क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में एसटीएफ व पुलिस टीम ने मार गिराया था। मुठभेड़ में मौदहा कोतवाल मनोज पांडेय व एसटीएफ सिपाही राजीव कुमार भी गोली लगने से घायल हुए थे। डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश कर अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव को जिम्मेदारी दी है। उन्होंने उनसे 15 दिन में विस्तृत जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। अपर जिलाधिकारी ने आम लोगों से इस संबंध में लिखित, मौखिक या अभिलेखीय साक्ष्य देने को कहा है। उन्होंने कहा कि 17 जुलाई तक उनके कार्यालय में सुबह 10 से शाम चार बजे तक साक्ष्य दिए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेटी जांच कराई जा रही है।

एफसीएल लखनऊ की टीम ने हमीरपुर में की जांच

विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफसीएल) लखनऊ से आई टीम ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे के एनकाउंटर स्थल पर दो घंटे जांच की। वहां सीन दोहराकर जांच और तथ्य जुटाने के बाद पांच सदस्यीय टीम लखनऊ लौट गई। अब इसकी रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को दी जाएगी। आठ जुलाई को मौदहा में एसटीएफ और पुलिस टीम ने अमर दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया था। मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ की पांच सदस्यीय टीम सोमवार को यहां जांच के लिए आई थी। करीब दो घंटे रुकी टीम ने एफआइआर व विवेचना में दिए गए बिंदुओं को जांचा और वीडियोग्राफी की।

टीम के बैलेस्टिक इंचार्ज एके श्रीवास्तव ने बताया कि मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ऐसे मामलों में दोबारा सीन क्रिएट कर जांच की जाती है। इसके अलावा दर्ज रिपोर्ट, तैयार नजरी नक्शा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिली चोटों व शस्त्र आदि के तारतम्य का मिलान भी किया जाता है। इसी से जानकारी जुटाई जाती है कि कैसे आरोपित व पुलिस को चोटें आई। इसकी रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को दी जाएगी। इस मौके पर टीम के अलावा मौदहा कोतवाल मनोज शुक्ला व एसपी कार्यालय से गए इंस्पेक्टर केपी सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।


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