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Vikas Dubey News: विकास के खास शॉर्प शूटर Amar Dubey ने ही सीओ के पैर पर कुल्हाड़ी से किए थे वार

Amar Dubey Encounter Hamirpur मौदहा के अरतरा गांव में बुधवार भोर चार बजे एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में अमर की गोली लगने से मौत हो गई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 08:31 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 08:41 AM (IST)
Vikas Dubey News: विकास के खास शॉर्प शूटर Amar Dubey ने ही सीओ के पैर पर कुल्हाड़ी से किए थे वार
Vikas Dubey News: विकास के खास शॉर्प शूटर Amar Dubey ने ही सीओ के पैर पर कुल्हाड़ी से किए थे वार

हमीरपुर, [राजीव त्रिवेदी]। मोस्टवांटेड विकास दुबे के दाहिने हाथ और भतीजे अमर दुबे को एसटीएफ व हमीरपुर की मौदहा कोतवाली पुलिस ने अरतरा गांव में बुधवार तड़के मार गिराया। गोलीबारी में मौदहा कोतवाली प्रभारी मनोज शुक्ला व एसटीएफ सिपाही राजीव कुमार को घायल होने कानपुर अस्पताल रेफर किया गया। अमर दुबे ने ही बिकरू गांव में सीओ देवेंद्र मिश्रा को गोली मारी थी।

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह शॉर्प शूटर था और इसका निशाना अचूक था। दुर्दांत ने मरने से पहले बताया कि गोली मारने के बाद सीओ के पैर पर उसने ही कुल्हाड़ी से वार किए थे। उसके पिता संजीव उर्फ संजू दुबे पर भी करीब 12 मुकदमे दर्ज हैं। पिता-पुत्र मिलकर जमीनों पर कब्जे के साथ ही अन्य अपराध को अंजाम देते रहे। अवैध कमाई का एक हिस्सा विकास दुबे को देते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ में घायल होकर जब वह अंतिम सांसें गिन रहा था तो मौत का खौफ उसकी आंखों में साफ दिखा। वह अपने किए की माफी मांगता रहा। एसपी श्लोक कुमार ने बताया कि अमर के पास से एक ऑटोमेटिक पिस्टल, एक बैग मिला, कपड़े, अवैध तमंचा व नोटों की गडडी मिली है।

अमर पर दर्ज हैं कई मुकदमें, सीने में पांच व हाथ में लगी एक गोली

करीब 24 वर्षीय अमर दुबे बचपन से ही आपराधिक प्रवृत्ति का था। पिता की दबंगई देखकर वह भी अपराध के रास्ते पर चल पड़ा। अमर के सीने में पांच व हाथ में एक गोली लगी थी। पुलिस रिकार्ड में उसका सबसे बड़ा गुनाह 2 जुलाई को सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या दर्ज है। इसके अलावा वह लूट, हत्या और अपहरण के मामलों में भी वांछित चल रहा था। इनमें से चार मामले चौबेपुर थाने में दर्ज हैं जबकि एक मुकदमा शिवली थाने में लिखा गया है।

चार माह पहले भी गांव आया था अमर

अरतरा में रहने वाले किसान नरोत्तम दीक्षित ने बताया कि बेटे की शादी बिकरू गांव से कुछ दूरी पर स्थित लक्ष्मणपुर में हुई है। वहां आने-जाने के दौरान उससे पहचान हुई थी। अमर दुबे करीब चार महीने पहले भी गांव आया था और कुछ देर रुककर चला गया था। बाद में उसे पता चला कि वह अपराधी है तो सन्न रह गया। मंगलवार देर रात जब वह घर पहुंचा तो मैंने उसे ठहरने से मना कर दिया, लेकिन वह गिड़गिड़ाते हुए बोला कि बाहर तख्त पर सो जाऊंगा और सुबह होते ही चला जाऊंगा, लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। नरोत्तम ने बताया कि पुलिस उससे और स्वजनों से तीन मोबाइल ले गई है।

हुआ वही जिसका सता रहा था डर, मेहंदी छूटने से पहले उजड़ गया सिंदूर

मुठभेड़ में मारे गए अमर दुबे की शादी घटना के दो दिन पहले ही विकास दुबे के घर पर हुई थी। लड़की वाले शादी को तैयार नहीं थे लेकिन विकास दुबे ने दबंगई के बल पर उन्हें अपने घर बुलाया और 29 जून को शादी करा दी। हुआ वही जिसका लड़की वालों को डर था, दुल्हन के हाथों की अभी मेहंदी भी नहीं छूटी कि उसकी मांग का सिंदूर उजड़ गया। बिकरू गांव में स्थित अमर दुबे का घर बुधवार को उजड़ा सा नजर आ रहा था। नौ दिन पहले जिस घर में मंगलगीत गाए जा रहे थे वहां अमर की मौत पर कोई रोने वाला भी नहीं था।

नवविवाहिता खुशी की खुशियां काफूर हो चुकी थी। गांव वालों के मुताबिक खुशी के घर वाले अमर के लिए रिश्ता लाए तो थे, लेकिन जब परिवार के हालात देखे तो उनका मन बदल गया। शादी से इन्कार किया तो विकास को ये नागवार गुजरा। उसने दबंगई के बल पर लड़की वालों को बुलाया और शादी के लिए जबरन तैयार कर लिया। कहीं कोई बाधा न पहुंचे इसलिए अपने घर पर बुलाकर 29 जून को शादी करा दी।


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