चित्रकूट में पाठा और फर्रुखाबाद के जंगलों में देर रात लगी आग, वनसंपदा का नुकसान
चित्रकूट की आग ठंडी पड़ गई लेकिन फर्रूखाबाद में आग अभी सुलग रही है।
कानपुर, जेएनएन। चित्रकूट में पाठा और फर्रुखाबाद के जंगलों में रविवार रात अचानक अाग लगने से अफरा तफरी मच गई। वन विभाग ने कई घंटे की मश्क्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन इससे पहले काफी वन संपदा का नुकसान हो गया। आग की तेज लपटें और धुएं का गुबार तीन किमी दूर तक दिखाई देने से आसपास क्षेत्र के लोगों में दहशत का आलम बना रहा।
चित्रकूट की मानिकपुर तहसील अंतर्गत पाठा इलाके के मरवरिया जंगल में रविवार रात अचानक आग लग गई। कुछ देर में तेज गति से आग दो किलोमीटर के दायरे में फैल गई। आग की लपटें दिखाई पड़ने पर ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। रेंजर त्रिवेणी प्रसाद ने बताया कि टीम के साथ मौके पर आग को रोकने के लिए घास-फूस व झाड़ियां काटी गई हैं, इससे आग बढ़ना बंद हो गई है। करीब दो किलोमीटर के दायरे में आग सुलग रही है।
फरुखाबाद के मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के गांव आमिलपुर स्थित वन विभाग का जंगल लगभग एक हजार बीघा में फैला हुआ है। रविवार शाम गांव रमन्ना गुलजार बाग की ओर जंगल में आग लग गई। कुछ घंटे में ही आग लगभग 100 बीघा से अधिक क्षेत्रफल में फैल गई। धुंए के गुबार तीन किलोमीटर दूर दिखाई दे रहे थे। कुछ देर में आग दूर तक फैल गई और रमन्ना गुलजार बाग के ग्रामीण खेतों में आग फैलने से रोकने के लिए किनारे डटे रहे। सूचना पर फायर ब्रिगेड के दो वाहन भी आए, लेकिन रास्ता न होने के कारण जंगल के पास तक नहीं पहुंच सके। आग बढ़ने को लेकर लोगों में दहशत बनी रही।
फायर ब्रिगेड के हेड कांस्टेबिल रामवीर सिंह ने बताया कि जिस जगह आग लगी हैं वहां तक पहुंचने का रास्ता नहीं है। गांव रामपुर ढपरपुर निवासी रामरतन राजपूत ने बताया कि करीब सवा सौ बीघा जंगल के बीच आगे बड़ा नाला है। उम्मीद है कि आग नाला पार नहीं कर पाएगी। प्रभागीय निदेशक वन पीके उपाध्याय ने बताया कि फायर लाइन डिस्ट्रप्शन टेक्नीक से आग को बढ़ने से रोकने के प्रयास जारी है। कहा, पशु चराने जाने वाले लोग अक्सर बीड़ी फेंक देते हैं, जिससे कभी-कभी आग लग जाती है।