Coronavirus से जंग में आआइटी कानपुर का एक और कदम, एन-95 जैसी खूबियों वाला सस्ता मास्क बनाएगा
सिविल मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसरों ने तैयार किया प्रोटोटाइप कंपनियों के महंगे मास्क के मुकाबले बेहद कम दाम में होंगे उपलब्ध।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। कोरोनावायरस से जंग में आइआइटी कानपुर ने एक और कदम बढ़ाया है। पोर्टेबेल वेंटिलेटर का प्रोटोटाइप तैयार करने के बाद अब एन-95 जैसी खूबियों वाला सस्ता मास्क बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही एचआरडी मंत्री ने भी आइआइटी में जारी शोध कार्यो की जानकारी लेकर बधाई दी है।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर ने प्रयास तेज कर दिए हैं। यहां पोर्टेबल वेंटीलेटर के निर्माण का काम अंतिम चरण में है। अब आइआइटी चार लेयर का सस्ता मास्क तैयार करने जा रहा है। गुरुवार को सिविल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसरों ने पुरातन छात्र के साथ मिलकर इसका प्रोटोटाइप तैयार किया। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने इस कामयाबी पर ट्वीट कर टीम को बधाई दी है।
बाजार से गायब हैं तीन लेयर के मास्क
कोरोना वायरस से बचाव के लिए उपयोगी तीन लेयर के मास्क बाजार से गायब हो गए हैं। सिर्फ सर्जिकल और हाथ से बनाए गए मास्क ही मिल रहे हैं। ऐसे में सिविल इंजीनियरिंग के प्रो. तरुण गुप्ता, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रो. जे राम कुमार ने चार लेयर मास्क बनाने के लिए पुरातन छात्र डॉ. संदीप पाटिल से बातचीत की। डॉ. पाटिल की ई-स्पिन नैनोटेक कंपनी पॉलीप्रोपाइलीन मेंबरेन (एक तरह की फाइबर झिल्ली) का पेटेंट करा चुकी है।
इसे मॉडीफाइड कर सस्ता मास्क बनाया जा सकता है। गुरुवार को पॉलीप्रोपाइलीन मैंबरेन में अन्य पदार्थ मिलाकर चार लेयर के मास्क का प्रोटोटाइप तैयार किया गया। प्रो. तरुण गुप्ता ने बताया कि बड़े स्तर पर मास्क बनाने पर इसकी अनुमानित लागत 50 रुपये तक आएगी। अभी बाजार में इस तरह के मास्क 200 से 250 रुपये या उससे अधिक कीमत पर मिलते हैं।
एमएचआरडी मंत्री ने दी बधाई
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आइआइटी निदेशकों से मुखातिब हुए। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान संस्थान की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। शोध और रिसर्च के बारे में पूछा। आइआइटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर से पोर्टेबल वेंटीलेटर के निर्माण पर चर्चा की और शोध में लगे विशेषज्ञों को बधाई दी।