Covid-19 हॉस्पिटल में भर्ती ईएनटी सर्जन की मां की मौत, जांच रिपोर्ट से पहले परिजनों को दिया शव
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के वार्ड में भर्ती डॉक्टर की मां में कोरोना वायरस का संदिग्ध मानते हुए नमूना जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा गया था।
कानपुर, जेएनएन। हैलट के कोविड-19 हॉस्पिटल के एचडीयू में भर्ती नाक कान गला (ईएनटी) सर्जन की मां की गुरुवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। कोरोना वायरस संक्रमण का संदिग्ध मानते हुए थ्रोट व नेजल स्वाब का सैंपल जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट शाम तक आने की उम्मीद है। हालांकि डॉक्टर मधुमेह और क्रॉनिक किडनी की बीमारी से पीड़ित होने के चलते फेफड़ों में संक्रमण होने की बात कह रहे हैं।
चकेरी क्षेत्र के सदानंद नगर निवासी मान सिंह चौहान के बेटे ईनटी सर्जन हैं और दिल्ली में तैनात हैं। मान सिंह की 57 वर्षीय पत्नी प्रवेश कुमारी को बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने पर 29 मार्च पुत्र विवेक हैलट इमरजेंसी लेकर आए थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत और गंभीर स्थिति को देखते हुए मेडिसिन आइसीयू में भर्ती किया गया था। इलाज कर रहे मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ब्रजेश कुमार ने बताया कि उनकी हालत गंभीर थी और मधुमेह के साथ क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थीं। फेफड़े में भी जबरदस्त इंफेक्शन था, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
बुजुर्ग होने के साथ-साथ फेफड़े में इन्फेक्शन और बुखार होने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण की संदिग्धता के चलते थ्रोट और नेजल स्वाब का सैंपल केजीएमयू लखनऊ जांच के लिए भेजा गया था। इसके बाद बुधवार देर रात मेडिसिन आइसीयू से हटाकर उन्हें कोविड-19 के एसडीयू में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां इलाज के दौरान गुरुवार भोर पहर उनकी मौत हो गई। देर शाम तक उनकी जांच रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
दिल्ली से लौटने बाद बिगड़ी तबीयत
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक महिला अपने पुत्र के पास दिल्ली गई थी। वहां से लौटने के बाद ही उनकी हालत बिगड़ी थी। उसके बाद स्वजनों ने उन्हें हैलट इमरजेंसी लेकर आए थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि स्वजनों ने यह तथ्य इलाज करने वाले डॉक्टरों से आखिर क्यों छिपाया।
जांच रिपोर्ट का नहीं किया इंतजार, स्वजनों को सौंपा शव
संदिग्ध महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं किया। मौत के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस बारे में हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि कोरोना वायरस की संदिग्ध महिला के शव को संक्रमित मानते हुए पूरे प्रोटोकॉल का पालन कराया है। इसके लिए दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई थी, उन्होंने पहले शव को अच्छी तरह से सैनिटाइज करवाया और पैक कराया। इसके बाद स्वजनों को सौंपते हुए किसी भी सूरत में शव नहीं खोलने की हिदायत दी है। जिस वाहन शव लेकर गए हैं, उसे भी पूरी तरह से सैनिटाइज करा दिया था। इसके साथ ही पूरे एचडीयू का भी सैनिटाइजेशन कराया है।