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Lockdown में घर जाते समय कानपुर में गश खाकर गिरा युवक, उरई में बाइक सवार की हालत बिगड़ी

दूसरे राज्यों और शहरों में काम करने वाले अब घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 04:58 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 04:58 PM (IST)
Lockdown में घर जाते समय कानपुर में गश खाकर गिरा युवक, उरई में बाइक सवार की हालत बिगड़ी
Lockdown में घर जाते समय कानपुर में गश खाकर गिरा युवक, उरई में बाइक सवार की हालत बिगड़ी

कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस को लेकर देश में घोषित लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों और शहरों में काम करने वाले घर पहुंचने की जद्​दोजहद में कोई पैदल चल पड़ा है तो कोई साइिकल और मोटर साइकिल से लंबा सफर तय कर रहा है। ऐसे ही घर जाने वालों में शनिवार को एक युवक कानपुर में हाईवे पर गश खाकर गिर पड़ा तो उरई में बाइक सवार की हालत बिगड़ गई। दोनों को ही अस्पताल में उपचार के बाद रवाना किया गया।

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नौबस्ता में हाईवे पर बेहोश पड़ा था युवक

लॉक डाउन के दौरान शनिवार की दोपहर नौबस्ता में हाईवे एक 25 वर्षीय युवक बेहोश पड़ा था। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे कांशीराम ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। होश आने पर उसने बताया िक उसका नाम बलवंत है और इलाहाबाद के फाफामऊ का रहने वाला है। वह हरियाणा गुड़गांव की एक फैक्ट्री में मजदूरी करता है।

लॉकडाउन के चलते वह शुक्रवार रात अपने साथी राम बहादुर के साथ गुड़गांव से ट्रक में बैठकर निकले थे। शनिवार दोपहर ट्रक चालक ने उसे पनकी भौती हाईवे पर छोड़ दिया। इसके बाद वह पैदल घर जाने के लिए निकल पड़े। धूप अधिक होने पर करीब 10 किमी पैदल चलने के बाद गश खाकर गिर पड़े। काशीराम ट्रामा सेंटर में प्राथमिक उपचार के बाद हालत ठीक होने पर डॉक्टर ने उन्हें छुट्टी दे दी।

दिल्ली से चला बाइक सवार रास्ते में बिगड़ी हालत

झांसी-कानपुर हाईवे पर उरई के आटा में भभुआ मजार के पास बाइक सवार युवक की हालत बिगड़ गई। बाइक रोककर उतरते ही अचेत होकर गिर पड़ा। खेत में काम कर रहे किसानों की सूचना पर पुलिस ने एंबुलेंस से उसे मेडिकल कॉलेज भेजा। जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि लंबी यात्रा और कमजोरी की वजह से हालत बिगड़ी थी।

होश आने के बाद छतरपुर निवासी 25 वर्षीय स्वामीदीन ने बताया कि वह एक निजी कंपनी में काम करता है। लॉकडाउन होने पर वह बाइक से ही घर के लिए चल दिया था। लगातार बाइक चलाने और खाने के लिए कुछ नहीं मिलने से उसे चक्कर आने लगे थे। डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि लंबी यात्रा और भूख की वजह से हालत बिगड़ गई थी। खाना आदि देने के बाद हालत में सुधार होने पर उसे जाने दिया गया।


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