भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर का 23 को देशव्यापी बंद का ऐलान, कानपुर देहात के गजनेर कांड से नाराज
कानपुर देहात के गजनेर के मंगटा गांव में 13 फरवरी की सुबह अनुसूचित जाति के लोगों के साथ मारपीट के मामले में राजनीति तेज हो गई है।
कानपुर, जेएनएन। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी पकड़ बनाने के बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर अब मध्य तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर रूख कर रहे हैं। कानपुर देहात के गजनेर में 13 फरवरी को अनुसूचित जाति के लोगों से मारपीट के मामले में चंद्रशेखर ने 23 फरवरी को देशव्यापी बंद का ऐलान किया है।
कानपुर देहात के गजनेर के मंगटा गांव में 13 फरवरी की सुबह अनुसूचित जाति के लोगों के साथ मारपीट के मामले में राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बाद बसपा मुखिया मायावती के इसका संज्ञान लेने के बाद अब भीम आर्मी भी इसको बड़ा मुद्दा बनाने की जुगत में है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी बवाल प्रभावित गांव का दौरा किया था।
गांव में मारपीट के मामले में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने उर्सला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया और घटना के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने 23 फरवरी को दलितों पर अत्याचार को लेकर देशव्यापी बंद का भी आह्वान किया है। उधर एलएलआर अस्पताल में भर्ती महिला मिथिलेश से भी मिलने आईजी मोहित अग्रवाल पहुंचे और पीडि़ता के बयान लेकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि इस तरह की घटना का भीम आर्मी विरोध करती है। 23 फरवरी को बंद का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि दलितों की चिंता प्रदेश सरकार को नही है। सिर्फ दलितों को लेकर राजनीति करनी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुद आकर घायलों को देखना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करानी चाहिए।
मंगटा गांव के आंबेडकर पार्क में एक से लेकर आठ फरवरी तक धार्मिक आयोजन कराया गया था। इसमें आयोजन कराने वालों ने गांव के सभी जाति के लोगों से चंदा किया था। आयोजन के दौरान जाति विशेष लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की जाती रही। धार्मिक आयोजन में जाति विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी और धार्मिक पोस्टर फाड़ने पर बुधवार को दो पक्ष भिड़ गए। पथराव और मारपीट में 26 लोग घायल हो गए। इससे जाति विशेष के लोगों में नाराजगी थी। मंगलवार को खेल के दौरान बच्चो ने एक खंभे में लगे कार्यक्रम के पोस्टर को फाड़ दिया। इस पर आयोजन कराने वाले कुछ लोगों ने बच्चों के घर गाली गलौज करने के साथ मारपीट की। मामले की शिकायत पुलिस से हुई थी। गांव पहुंचे दरोगा व कुछ लोगों ने दोनों पक्षों में समझौता करा दिया था। बुधवार सुबह गांव के जाति विशेष के युवाओं ने एक धार्मिक स्थल में बैठक की। इसकी भनक आयोजकों को लगी तो वह भी एक पार्क में बैठक करने लगे। इसी बीच दोनों पक्षों में मारपीट हो गई। महिलाएं छतों से पथराव करने लगीं। इससे भगदड़ मच गई। पुलिस ने गांव के हालात देख उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। इसके बाद तत्काल एसपी अनुराग वत्स, एडीएम प्रशासन पंकज वर्मा, एएसपी अनूप कुमार, एसडीएम आनंद कुमार सिंह, सीओ संदीप कुमार समेत गजनेर, अकबरपुर, महिला थाना समेत कई थानों का फोर्स पहुंचा। भारी पुलिस बल देख गांव के अधिकांश पुरुष सदस्य फरार हो गए। पुलिस ने 26 घायलों को जिला अस्पताल भेजा। चार को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।