फतेहगढ़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे लखनऊ के सुपारी किलर के पास मिले दो मोबाइल फोन, मची खलबली
आनन-फानन हरदोई जेल स्थानांतरित किया गया बंदी रक्षकों से भी की जा रही पूछताछ।
फर्रुखाबाद, जेएनएन। केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में बंद लखनऊ के शातिर सुपारी किलर सलीम उर्फ इमरान के पास से एक स्मार्ट व एक की-पैड मोबाइल फोन बरामद होने से जेल अधिकारियों में खलबली मच गई। जेल अधिकारियों ने कोतवाली फतेहगढ़ में एफआइआर दर्ज कराई है। वहीं जेल में बंद अन्य बंदियों से पूछताछ की जा रही है। सलीम डकैती व हत्या के एक मामले में यहां आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
जेलर ने कोतवाली में दर्ज कराई एफआइआर
जेलर संजय कुमार ङ्क्षसह की ओर से दर्ज कराई गई तहरीर के अनुसार जेल में बंदियों की नियमित तलाशी चल रही थी। इसी दौरान जेल की सेकेंड हाई सिक्योरिटी बैरक की कोठरी नंबर तीन के कैदी सलीम उर्फ इमरान के पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए। इनमें से एक एंड्रायड स्मार्ट फोन व दूसरा छोटा की-पैड वाला फोन था। दोनों मोबाइल फोन को कब्जे में ले लिया गया है।
जेल में मोबाइल पहुंचने की जांच शुरू
वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसएमएएच रिजवी ने बताया कि जेल की हाई सिक्योरिटी बैरिक में निरुद्ध शातिर अपराधी तक मोबाइल पहुंचना अपने आप में गंभीर विषय है। मामले में जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
तुरंत भेजा गया हरदोई जेल
शातिर सुपारी किलर के पास दो-दो मोबाइल फोन मिलने की घटना के बाद जेल प्रशासन में खलबली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसे जेल महानिरीक्षक के आदेश से तुरंत हरदोई जिला जेल के लिए स्थानांतरित कर दिया गया।
शातिर सुपारी किलर है सलीम
लखनऊ के सदर कैंट थाना के नई बस्ती निवासी सलीम उर्फ इमरान चर्चित सुपारी किलर है। सलीम व उसके भाई सोहराब और रुस्तम सीरियल किलर ब्रदर्स के नाम से कुख्यात हैं। तीनों के नाम पर लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी व दिल्ली सहित कई स्थानों पर अनेकों दुस्साहसिक वारदातें दर्ज हैं। सोहराब व रुस्तम भी अलग-अलग जेलों में बंद हैं। सलीम फिलहाल कृष्णानगर नई दिल्ली में वर्ष 2011 में दर्ज डकैती व हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा था। उसके खिलाफ यहां कायमगंज कोतवाली में भी एक धोखाधड़ी का मुकदमा विचाराधीन है। इसी के चलते उसे विगत छह जुलाई 2018 को यहां केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ लाया गया था।
एसपी को सूचना देकर मारा था भाई के हत्यारों को
वर्ष 2004 में सलीम, सोहराब व रुस्तम के सबसे छोटे भाई शहजादे की लखनऊ के हुसैनगंज इलाके में कुछ दबंगों ने हत्या कर दी। भाई की हत्या का बदला लेने को तीनों भाइयों ने मिलकर एक वर्ष बाद ठीक उसी दिन तत्कालीन एसएसपी लखनऊ आशुतोष पांडेय को फोन पर सूचना देने के बाद हत्यारों को मौत के घाट उतार कर हत्या का बदला लिया। यहीं से तीनों ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया।
कायमगंज में दर्ज है धोखाधड़ी का मुकदमा
कायमगंज कस्बे के मोहल्ला बजरिया निवासी अधिवक्ता नजमुल हसन ने कायमगंज रेलवे रोड पर स्थित चार डिसमिल भूमि की खरीद के लिए सलीम और सोहराब निवासीगण सदर कैंट लखनऊ से सौदा तय किया था। चार लाख रुपये प्रति डिसमिल के हिसाब से सौदा तय हुआ और ढाई लाख रुपये पेशगी के तौर पर दे दिए गए। बाद में नजमुल को पता चला कि यह जमीन सलीम और सोहराब की है ही नहीं। इस पर उन्होंने रुपये मांगे तो अधिवक्ता को फोन पर गालीगलौज कर जान से मारने की धमकी दी। इस पर नजमुल हसन ने मुकदमा दर्ज कराया। मामला अभी विचाराधीन है।