देश दुनिया में छा जाने को बेताब कानपुर का छात्र, नासा के वैज्ञानिकों से समझेंगे रॉकेट साइंस
केंद्रीय विद्यालय आइआइटी में 10वीं के छात्र ने नासा की इंटरनेशनल स्पेस ओलंपियाड में बाजी मारी है।
कानपुर, [समीर दीक्षित]। आइआइटी स्थित केंद्रीय विद्यालय के 10वीं के छात्र सुयश अपनी मेधा के बल पर देश-दुनिया में छा जाने को बेताब हैं। वह जल्द ही अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जुड़ी अमेरिकी संस्था नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों से रॉकेट साइंस की जानकारी लेते नजर आएंगे।
इंटरनेशनल स्पेस ओलंपियाड में बाजी मारी
आवास विकास कल्याणपुर में रहने वाले सुयश ने एजू मित्र व नासा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'इंटरनेशनल स्पेस ओलंपियाड' की तीनों परीक्षाओं में बाजी मारी है। इसके लिए उन्हें नासा जाकर वैज्ञानिकों के साथ संवाद करने का मौका मिलेगा। वह यह भी जानेंगे कि उपग्रह कैसे काम करते हैं और किस तरह से उनकी देखरेख होती है। आगामी मई माह में दो सप्ताह तक वह नासा में रहेंगे।
तीन बार दी ऑनलाइन परीक्षा
सुयश ने बताया कि इंटरनेशनल प्रतियोगिता के तहत तीन बार ऑनलाइन परीक्षा दी। पहली परीक्षा दिसंबर 2018, दूसरी परीक्षा फरवरी 2019 व तीसरी परीक्षा जुलाई 2019 में हुई। 70 फीसद सवाल अंतरिक्ष की गतिविधियों व 20 फीसद सवाल विज्ञान से जुड़े पूछे गए। इसके अलावा 10 फीसद सवाल गणित के थे। इस प्रतियोगिता में हर वर्ष दुनिया भर से छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं। उनकी इस उपलब्धि से केंद्रीय विद्यालय के सभी शिक्षक व छात्र-छात्राएं खुश हैं।
सामान्य ज्ञान है पसंदीदा विषय
खेलों में विशेष रुचि नहीं रखने वाले सुयश का पंसदीदा विषय सामान्य ज्ञान है। वह आइआइटी कानपुर से पढ़ाई कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा लगाव कंप्यूटर से है। सुयश कहते हैं कि प्रतियोगिता की तैयारी में बड़े भाई अनिमय तिवारी ने बहुत मदद की। वह आइटी गोपेश्वर (उत्तराखंड) से बीटेक कर रहे हैं। पिता आनंद तिवारी जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक हैं, जबकि मां विभा तिवारी गृहणी हैं।