पंजाब के बाद अब फतेहपुर में उतरे कबूतरबाज, पुलिस ने दो पकड़े, बाकी की तलाश
एलआइयू अफसर बनकर उगाही करने वाले कबूतरबाजों से 75 पासपोर्ट बरामद हुए हैं।
फतेहपुर, जेएनएन। कभी पंजाब में कबूतरबाजी की घटनाएं चरम पर थीं लेकिन अब ये कबूतरबाज फतेहपुर तक पहुंच गए हैं। नौकरी के लिए विदेश भेजने वाले दो कबूतरबाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और 75 पासपोर्ट बरामद किए हैंं। पुलिस अब भागने में कामयाब रहे उनके दो साथियों की पुलिस तलाश कर रही है।
एलआइयू अफसर बन करते थे ठगी
गाजीपुर थाने के खेसहन गांव निवासी जसवंत के बेटे सूरज ने पासपोर्ट बनवाने का आवेदन किया था। इस बीच उसे दिनेश निवासी सथरियांव कोतवाली मिला। उसने अमित पटेल निवासी मुचवापुर कोतवाली, राजेश कुमार खरगसेनपुर थाना मलवां व जयकरन निवासी गूंझी थाना कल्याणपुर को एलआइयू अफसर बताकर उनसे मिलने को कहा। सूरज मिला तो उन लोगों ने उससे 39 हजार 500 रुपये ले लिए। इसके बाद वीजा व डॉक्टरी परीक्षण का 65 हजार रुपये खर्च बता कर और रुपये मांगे।
इस तरह सामने आया फर्जीवाड़ा
शक होने पर उसने एलआइयू विभाग जाकर पता किया तो फर्जीवाड़े की जानकारी मिली। इस पर उसने सदर कोतवाली में चारों ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी व धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया। तलाश में जुटे कार्यवाहक कोतवाल सत्यपाल, विपिन यादव, दारोगा अनुरुद्ध कुमार द्विवेदी को आरोपितों के जौनिहां चौराहे पर होने की जानकारी मिली। इस पर उन्होंने अमित पटेल व राजेश कुमार को पकड़ लिया। सीओ सिटी कपिलदेव मिश्र ने पत्रकार वार्ता में बताया कि फर्जी एलआइयू अधिकारी अमित पटेल के पास से 56 व राजेश कुमार के पास से 19 पासपोर्ट मिले हैं और उनके फरार साथियों की तलाश की जा रही है।
छह लोगों को भेज चुके हैं विदेश
कार्यवाहक कोतवाल ने बताया कि ठग दर्जनों लोगों के पासपोर्ट बनवाकर छह लोगों को विदेश भेज चुके हैं। ये लोग विदेश में नौकरी लगवाने का झांसा देने के साथ ही टूरिस्ट वीजा बनवा कर देते थे। एक वर्ष से ये लोग फर्जीवाड़ा कर रहे थे। इन लोगों के कुछ साथी दिल्ली में ऑफिस खोले हैं। इन लोगों की ठगी का शिकार हुए लोगों के बारे में जानकारी की जा रही है। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों को सथरियांव कोतवाली निवासी दिनेश फंसाता था। वह इन लोगों के पास आवेदकों को भेजता था।
क्या होता है कबूतरबाजी
कबूतरबाजी का खेल किसी समय पंजाब सामने आया था। विदेश जाने की इच्छा रखने वालों को फंसाकर कबूतरबाज मोटी कमाई करते थे। ये कबूतरबाज लोगों को फंसाकर पासपोर्ट बनवाते थे और फिर किसी ट्रूप में शामिल कराकर विदेश भेज देते थे। इसके बाद वहां जाने वाले व्यक्ति वापस नहीं आता था और वहीं कुछ काम धंधा करने लगता था। फर्जी तरह से पासपोर्ट बनवाने का काम करते हुए कई लोग पहले भी पकड़े जा चुके हैं।